दुनिया भर में बिखरा टिकैत का जलवा-इस अवार्ड के लिए नाम फाइनल

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नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध के बाद फसलों के एमएसपी कानून के लिए चलाए जा रहे किसान आंदोलन का बड़ा चेहरा बन चुके भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत विश्व पटल पर छाते हुए 21वीं सेंचुरी आईकॉन अवॉर्ड के फाइनलिस्ट बन गए हैं। इसी महीने की 10 दिसंबर को लंदन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विजेताओं की घोषणा की जाएगी। लंबा आंदोलन चलाने और किसान आंदोलन को जीवंत रखने की वजह से राकेश टिकैत का चयन 21वी सेंचुरी आइकन अवार्ड के लिए किया गया है।

दरअसल लंदन की स्क्वेयर्ड वाटरमेलन कंपनी दुनिया के लिए मिसाल बनने वाले व्यक्तियों को प्रत्येक वर्ष आइकॉन अवार्ड से सम्मानित करती है। कंपनी की ओर से 21वी सेंचुरी आइकन अवार्ड के फाइनलिस्ट की घोषणा करते हुए सूची जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से पिछले दिनों लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में सिसौली से निकलकर गाजीपुर बॉर्डर पर धरना देते हुए अपने पैर जमाने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की दुनिया भर में गूंज हुई है। नये कृषि कानूनों के विरोध के बाद अब एमएसपी पर कानून को लेकर गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ अपना डेरा जमाते हुए राकेश टिकैत आंदोलन की राह पर अडिग रहे। इसी साल गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में हुई ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के मामले को लेकर किसानों का आंदोलन सवालों के घेरे में आ गया था।

सरकार की ओर से जब आंदोलन को खत्म कराने के लिए धरना स्थल से किसानों को उठाने की तैयारी की गई तो भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के धरना स्थल पर आंखों से आंसू छलक आए। जिससे आंदोलन में एक बार फिर से जान पड़ गई और किसानों ने रातों-रात गाजीपुर बॉर्डर पर अपना डेरा डाल दिया था। वाटरमेलन कंपनी की ओर से दिए जा रहे पुरस्कारों के लिए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नामांकन किया गया है। कंपनी की ओर से नामांकन के लिए बाकायदा पहले राकेश टिकैत से सहमति ली गई थी। अब इस महीने की 10 दिसंबर को लंदन में कंपनी द्वारा आइकन अवार्ड के विजेताओं की घोषणा की जाएगी।



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