आंदोलन हुआ खत्म-जीत के जश्न के साथ घर लौटेंगे किसान
गाजियाबाद। नए कृषि कानूनों के अलावा एमएसपी की गारंटी को लेकर तकरीबन 1 साल पहले शुरू हुए किसान आंदोलन को औपचारिक रूप से खत्म करने का ऐलान कर दिया गया है। सरकार की ओर से मिले अधिकारिक पत्र के बाद सिंघु बॉर्डर पर चली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में किसान आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया गया है। किसानों की ओर से दिल्ली की घेराबंदी समाप्त करते हुए किसानों की ओर से सभी मोर्चे खाली करने शुरू कर दिए गए हैं।
राजधानी दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर वर्ष 2020 की 26 नवंबर से नए कृषि कानूनों के विरोध में शुरू किए गए किसान आंदोलन को औपचारिक रूप से खत्म करने का ऐलान बृहस्पतिवार को कर दिया गया है। इस मुद्दे को लेकर सिंघु बॉर्डर पर चली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में राजस्थान के किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने बताया गया है कि केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक पत्र की प्राप्ति हो गई है। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान आंदोलन को स्थगित करने का एलान कर दिया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि हम दिल्ली की घेराबंदी समाप्त करते हुए लगाए गए सभी मोर्चों को खाली कर रहे हैं।
किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा है कि सीडीएस बिपिन रावत के शहीद होने के कारण कल यानी 10 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार होने के बाद ही किसान मोर्चे से रवाना होंगे। 11 दिसंबर को जीत के जश्न के साथ धरने पर डटे किसान अपने घरों की तरफ रवाना होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की अब आखिरी बैठक शुरू हो गई है। बैठक के समाप्त होते ही आंदोलन समाप्ति की घोषणा विधिवत रूप से मंच से की जाएगी। इस बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगे और मंच के ऊपर से आंदोलन समाप्ति का ऐलान करेंगे।