बेरोजगारी की ऊंची दर से लोगों का बढ़ा आर्थिक संकट, जीना हुआ मुहाल

बेरोजगारी की ऊंची दर से लोगों का बढ़ा आर्थिक संकट, जीना हुआ मुहाल

काबुल। तालिबान शासित अफगानिस्तान में बेरोजगारी की ऊंची दर से लोगों का आर्थिक संकट बढ़ा है वहीं उन्हें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

टोलो न्यूज के अनुसार तालिबान अधिकारियों ने देश में मौजूदा आर्थिक और मानवीय संकट से उबरने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से नौ अरब डॉलर से अधिक की अफगान संपत्ति को मुक्त करने का आह्वान किया है।

इस्लामिक अमीरात के प्रवक्ता इनामुल्ला समांगानी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अमेरिका पर दबाव बनाने का पहले ही आह्वान किया गया है तथा अमेरिका को भी अफगान सरकार और यहां के लोगों की संपत्ति को मुक्त करना चाहिए।

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में कहा था कि अफगानिस्तान में 2.20 करोड़ से अधिक लोग भूख का सामना कर रहे हैं।

अफगानिस्तान के निवासियों का आरोप है कि वे अब अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी असमर्थ होते जा रहे हैं। पांच सदस्यों के परिवार में अकेले कमाने वाला मजदूर 57 वर्षीय अब्दुल हमीद ने कहा, "मैं एक पेरासिटामोल की कीमत नहीं चुका सकता। मैं अपना और अपने छोटे बच्चों की देखभाल नहीं कर सकता।"

एक अन्य निवासी रहमतुल्लह ने कहा , "मैं चाहता हूं कि वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आये। नौकरी के अवसर बढ़े और लोगों को उनके वेतन का भुगतान किया जाये। यदि लोगों के पास पैसा नहीं है, तो उनकी हालत खस्ता होगी।"



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