बुरे काम की मिलेगी सजा-कलम होंगे हाथ पैर-मिलेगी सजा ए मौत
नई दिल्ली। भले ही तालिबान खुद को बदलने का दावा कर रहा हो, मगर दूसरी ओर अफगानिस्तान में तालिबानी सजा को वापस लाते हुए बुरे काम करने पर आरोपियों को फांसी और अंगों को काटने की सजा दी जाएगी। भले ही यह सजा सार्वजनिक स्थानों पर ना दी जाए।
तालिबान के संस्थापकों में से एक नूरुद्दीन तुराबी ने साफ किया है कि बुरे काम किए जाने पर सार्वजनिक स्थान के रूप में स्टेडियम में सजा दिए जाने को लेकर दुनिया भर के लोगों ने हमारी आलोचना की है। लेकिन हमने उनके नियमों और कानूनों के बारे में कभी कुछ नहीं कहा है। इसलिए बाहरी देश हमें यह ना बताएं कि हमारे नियम और कानून क्या होने चाहिए। उन्होंने कहा है कि हम इस्लाम का पालन करेंगे और कुरान पर आधारित अपने नियम कानून बनाएंगे। इसी वर्ष की 15 अगस्त को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर हुए तालिबान के कब्जे के बाद से दुनिया भर की निगाहें अभी तक अफगानिस्तान के ऊपर टिकी हुई है।
सभी को यह जानने की दिलचस्पी है कि क्या तालिबान वर्ष 1990 के दशक वाले नियम कानूनों को फिर से लोगों के ऊपर थोपेगा अथवा नहीं? लेकिन अब नूरूददीन तूराबी के इन बयानों से एकदम साफ हो रहा है कि तालिबान की विचारधारा आज भी जहां की तहां है। तालिबान शासन के पिछले कार्यकाल में हत्या आरोपियों को खुले मैदान में गोली मार दी जाती थी। चोरी करने वाले लोगों का एक हाथ काट दिया जाता था और हाईवे पर डकैती व लूटपाट करने वालों के एक हाथ और पैर काट दिए जाते थे। अब नूरूददीन तुराबी के बयानों से यह साफ हो चला है कि तालिबान के नियमों में कोई बदलाव होना इस बार भी संभव नहीं है।