हिंदू मंदिरों पर हमले के खिलाफ संसद में याचिका- अर्जी पर इतने लोगों...
नई दिल्ली। पूरे योजना व तरीके से पिछले 1 साल के अंदर सिलसिलेवार मंदिरों पर हमला करते हुए उनमें तोड़फोड़ किए जाने से चिंतित सांसदों ने औपचारिक रूप से हिंदू फोबिया को मान्यता देने की डिमांड करते हुए कनाडा की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस के सम्मुख एक याचिका दायर की है। इस याचिका पर कनाडा सांसदों का समर्थन बढ़ता हुआ जा रहा है। अभी तक इस अर्जी पर 6000 से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हो चुके हैं।
कनाडा के कई मंदिरों पर पिछले 1 साल के भीतर श्रंखलाबद्ध तरीके से मंदिरों पर हमला करते हुए अंजाम दी गई तोड़फोड़ की घटनाओं से बुरी तरह चिंतित सांसदों ने हिंदू फोबिया को औपचारिक रूप से मान्यता देने की डिमांड को लेकर कनाडा की संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमर्स के समक्ष दायर याचिका को अपना समर्थन दिया है हाउस ऑफ कॉमंस के समक्ष पेश की गई इस याचिका पर अब कनाडा सांसदों का समर्थन भी बढ़ता जा रहा है। संसद मेलिसा लैंस्टमैन द्वारा प्रायोजित यह याचिका पिछले महीने 19 जुलाई को आम जनमानस के हस्ताक्षर के लिए खोली गई थी।
17 अक्टूबर तक सक्रिय रहने वाली इस याचिका के समर्थन में निरंतर लोग आगे आ रहे हैं और इस पर अभी तक 6000 से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हो चुके हैं। ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित जिस लक्ष्मी नारायण मंदिर के गेट पर 12 अगस्त को खालिस्तान समर्थकों ने भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक पोस्टर चिपकाए थे उसने भी इस याचिका का समर्थन किया है। मंदिर के अध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा है कि वह हिंदू समर्थक होने के नाते इस प्रकार की पहल का हमेशा ही समर्थन करेंगे। मंदिरों को निशाना बनाए जाने के बाद से वह याचिका के लिए चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। याचिका के समर्थन में त्रिवेणी मंदिर भी शामिल है। मंदिर के Canआध्यात्मिक नेता युधिष्ठिर धनराज का कहना है कि उनका समर्थन मंदिरों पर बर्बरता के हमले की श्रृंखला के विरोध में उपजा है।