कोर्ट में दाखिल की याचिका- मुस्लिम महिला को पसंद नहीं है इस्लाम
नई दिल्ली। मुस्लिम महिला की ओर से स्थानीय कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि उसने कभी भी इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं किया है। महिला का कहना है कि भले ही उसने एक मुस्लिम माता-पिता से जन्म लिया है लेकिन उसने कभी इस धर्म को स्वीकार नहीं किया है। उसने बौद्ध धर्म को मानने की बात कही है। धर्मांतरण के मामले को लेकर महिला की ओर से दाखिल की गई याचिका पर अब स्थानीय कोर्ट की ओर से आगामी 15 जून को सुनवाई की जाएगी।
मलेशिया में धर्मांतरण का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक मुस्लिम महिला ने अदालत में दी याचिका में कहा है कि उसने कभी भी इस्लाम धर्म को स्वीकार नहीं किया है। जज ने याचिका पर महिला और उसके वकील की दलीलों को सुनने के बाद आगामी 15 जून को अपना फैसला सुनाने के लिए दिन मुकर्रर किया है। महिला ने कोर्ट में दी गई याचिका में यह मांग भी उठाई है कि अदालत इस बात की घोषणा करें कि वह मुस्लिम नहीं है।
साथ ही अपनी याचिका में उसने अदालत द्वारा यह तय करने की भी मांग की है कि शरिया कोर्ट के पास किसी व्यक्ति को इस्लाम धर्म से निकालने का अधिकार है अथवा नहीं?