यूक्रेन में दहशत पैदल-चलकर बॉर्डर पहुंचे छात्र- गार्ड ने दिया रोक

यूक्रेन में दहशत पैदल-चलकर बॉर्डर पहुंचे छात्र- गार्ड ने दिया रोक

नई दिल्ली। यूक्रेन के ऊपर रूस की ओर से किए गए हमले के बाद देशभर में दहशत पसरी हुई है। पढ़ाई एवं अन्य कारणों से यूक्रेन गए छात्र अपने देश वापिस लौटने का साधन प्राप्त करने के लिये 7 डिग्री तापमान में पैदल चलकर बॉर्डर तक पहुंचे हैं। यूक्रेन में तकरीबन 16000 भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें से अधिकांशतया छात्र हैं। भारत ने यूक्रेन के भीतर फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। जिसके चलते पहली निकासी उड़ान के अंतर्गत 219 लोगों को बुखारेस्ट से मुंबई लाया गया है।

रविवार को एक भारतीय छात्र ने बताया है कि यहां पर 7 डिग्री तापमान है और इस तापमान के बीच हम पैदल चलकर बॉर्डर तक पहुंचे हैं। यूक्रेन की पोलैंड एवं हंगरी से लगी हुई सीमा पर अभी भी सैकड़ों भारतीय फंसे हुए हैं। छात्र ने कहा है कि मुझे नहीं पता है कि ऐसे हालातों में हमे क्या करना चाहिए। मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे कई भारतीयों के पास शेल्टर, भोजन और पैसे की सुविधा नहीं है। उनके मोबाइल भी बंद होने की कगार पर जा पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि यूक्रेन के गार्ड भारतीय लोगों को चेकप्वाइंट पार करने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। गार्ड की ओर से छात्रों से बॉर्डर पार कराने के लिए घूस मांगने की शिकायतें भी आई है। शुभम नाम के एक छात्र ने कहा है हम बॉर्डर पर फंसे हुए हैं और पूरी तरह से बंदूक की नोक पर हैं। हमें यहां वीडियो बनाने के लिए भी मना कर दिया गया है। एक अन्य छात्र ने कहा है कि एंबेसी की ओर से जो एडवाइजरी जारी की गई है उसका पालन करते हुए हम बॉर्डर पर पर पहुंचे हैं। लेकिन हमें यहां रोक लिया गया है।

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