यूक्रेन में अब एक और भारतीय की मौत- तुरंत खारकीव छोड़ने का अल्टीमेटम

यूक्रेन में अब एक और भारतीय की मौत- तुरंत खारकीव छोड़ने का अल्टीमेटम

नई दिल्ली। यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच डाक्टरी की पढाई करने गये पंजाब के बरनाला के छात्र की ब्रेन हेमरेज के कारण मौत हो जाने से परिवारजनों में कोहराम मच गया है। निजी अस्पताल में भर्ती छात्र के शव को भारत वापस लाए जाने की मांग परिवार के लोगों की ओर से भारत सरकार से की गई है।

बुधवार को यूक्रेन के एक निजी अस्पताल में यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच 2 फरवरी की रात चंदन जिंदल नाम के छात्र को ब्रेन हेमरेज की वजह से भर्ती कराया गया था। ब्रेन हेमरेज एवं हार्ट अटैक के बाद हुए आपरेशन के पश्चात कोमा में आए छात्र की आज मौत हो गई है। बरनाला के सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट शिषन जिंदल का बेटा चंदन वर्ष 2018 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गया था। वहां के विनिस्तिया शहर में नेशनल पाईरोगोव मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी में वह पढ़ाई कर रहा था। 2 फरवरी की रात यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच उसे अचानक हार्ट अटैक और दिमागी दौरा पड़ने की वजह से निजी अस्पताल में लाया गया। 4 फरवरी को डाक्टरों द्वारा छात्र का ऑपरेशन किया गया। इस दौरान वह कोमा में चला गया। बुधवार को उसकी अस्पताल में मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही बेटे चंदन की देखभाल करने के लिए उसके पिता शिषन और ताऊ कृष्ण कुमार यूक्रेन पहुंचे थे, लेकिन उसके 2 दिन बाद ही युद्ध शुरू हो गया। इस कारण छात्र के पिता भी वहीं पर फंस गए। हालाकि 2 दिन पहले ही ताऊ कृष्ण कुमार तो अपने शहर बरनाला लौट आए थे। लेकिन छात्र चंदन के पिता शिषन अभी वहीं फंसे हैं। बेटे की मौत के बाद उनके पिता की हालत बेहद खराब हो गई है। उधर यूक्रेन में इंडियन एम्बेसी ने खारकीव में सभी भारतीय नागरिकों को दो एडवाइजरी जारी की हैं। पहली में तत्काल शाम छह बजे यानि भारतीय समय अनुसार रात नौ बजे तक तक भारतीयों को हर हाल में खार्किव छोड़ने को कहा गया है।

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