कोरोना में प्रभावी हैं मलेरिया व गठिया की दवाएं
हांगकांग। गले में खराश के लिए इस्तेमाल होने वाला स्प्रे और मलेरिया एवं गठिया के इलाज में प्रयोग होने वाली दवा कोविड-19 को फैलने से रोकने में प्रभावी ढंग से काम कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सिंगापुर में शोधकर्ताओं ने इन नतीजों का पता लगाया है। चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ये नतीजे पिछले साल मई में व्यापक तौर पर हुए क्लिनिकल ट्रायल पर आधारित हैं। इस ट्रायल में सिंगापुर के औद्योगिक डिस्ट्रिक्ट के दक्षिणी डॉरमेट्री में रहने वाले तीन हजार प्रवासियों को शामिल किया गया था। छह हफ्तों तक चले ट्रायल में प्रवासी मजदूरों को 'पोविडोन आयोडीन थ्रोट स्प्रे' और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिया गया। शोध के मुताबिक, दोनों ही दवाओं की वजह से कोरोना संक्रमण में कमी देखने को मिली। नेशनल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (एनयूएच) के एसोसिएट प्रोफेसर और इस क्लिनिकल ट्रायल के प्रमुख लेखक डॉ रेमंड सीट ने कहा कि ये पहला अध्ययन है, जिसमें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या पोविडोन-आयोडीन गले के स्प्रे का क्वारंटीन में रहने वाले लोगों के बीच सार्स-कोव -2 संक्रमण के खिलाफ फायदा दिखा है। डॉ रेमंड सीट ने कहा कि इन दोनों दवाइयों को इसलिए चुना गया था, क्योंकि ये आसानी से मिल जाती हैं
उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि ये गले को बचाती हैं, जो वायरस के शरीर में प्रवेश करने का मुख्य द्वार है। डॉ सीट ने इस अध्ययन को नेशनल यूनिवर्सिटी हेल्थ सिस्टम में पेश किया। इस दौरान उनके साथ सह-जांचकर्ता प्रोफेसर पॉल तम्बीह, एसोसिएट प्रोफेसर मिकेल हार्टमैन, एसोसिएट प्रोफेसर एलेक्स कुक और असिस्टेंट प्रोफेसर एमी क्यूक भी मौजूद थे।