मध्य प्रदेश -शहीद परिवार के प्रति दायित्व

भोपाल । देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपनी जान तक देने वाले प्रातःस्मरणीय हैं। समूचे राष्ट्र को उन पर गर्व होना चाहिए। इसके साथ ही उनके परिजनों के प्रति भी हम सभी का दायित्व बनता है। अभी गत 16 जून की रात पूर्वी लद्दाख में धोखेबाज चीन के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर कंटीले तार लगे लोहे के डण्डों और पत्थरों से हमला कर दिया था ।हमारे वीर जवानों ने ऐसे हालात में भी चीन के 40 से अधिक जवानों को हताहत कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में हमारे सैनिक चीनी सैनिकों को मारते मारते शहीद हो गये।

इन्हीं में एक हैं मध्य प्रदेश के अमर शहीद दीपक सिंह। मध्य प्रदेश की जनता और शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा- रीवा के लाल, अमर शहीद दीपक सिंह पर हम सभी मध्य प्रदेशवासियों को गर्व है। उनका परिवार अब हमारा परिवार है। सम्मान स्वरूप उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि, एक पक्का मकान और परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाएगी। शहादत की कीमत नहीं चुकायी जा सकती लेकिन उसके प्रति कर्तव्य का निर्वहन तो किया ही जाना चाहिए। शिवराज की सरकार ने यही किया है। इससे उन्हें जनता की सहानुभूति भी मिली है। इसके साथ ही चौहान की सरकार ने हाल ही प्रशासनिक फेरबदल किया था। इसके चलते सरकार पर दामादवाद चलाने का आरोप लगने लगा था। भाजपा ने राबर्ट वाड्रा को लेकर कांग्रेस पर इसीतरह का आरोप लगाया था। कांग्रेस अब भाजपा को उसी आरोप की याद दिला रही थी। शहीद दीपक के मामले ने उस प्रकरण को भी पीछे कर दिया है।

बीते 17 जून बुधवार को करीब 10 बजे गजराज सिंह के मोबाइल पर बिहार रेजिमेंट से फोन आया। गजराज सिंह को सूचना दी गयी कि उनका बेटा दीपक सिंह देश के लिए वीरगति को प्राप्त हो गया है। दीपक के शहादत की सूचना मिलते ही पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। दीपक की 30 नवंबर को जोगनिहाई गांव में रहने वाली रेखा सिंह के साथ शादी हुई थी। अपनी छुट्टी खत्म कर वो 14 फरवरी को ड्यूटी पर लौटे थे। कोई क्या जानता था कि वो फिर कभी लौट कर घर नहीं आएंगे। गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ चीनी सेना के जवानों की भिड़ंत हुई। इस दौरान चीन के सैनिकों ने लाठियों और धारदार चीजों से भारतीय सेना के जवानों पर हमला कर दिया। इस हमले में आर्मी के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में मध्य प्रदेश के जवान दीपक कुमार शहीद हो गए हैं ।रीवा के रहने वाले शहीद दीपक कुमार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। जवान को नमन करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान के कई अहम घोषणाएं भी की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा जवान का परिवार अब हमारा परिवार है। सम्मान स्वरूप उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि, एक पक्का मकान और परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाएगी।
लद्दाख सीमा पर गलवान में हुई हिंसक झड़प में जो 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए उनमें रीवा के दीपक सिंह भी थे। वो रीवा के मनगंवा के फरेंदा गांव के रहने वाले थे और बिहार रेजिमेंट में पदस्थ थे। बेटे की शहादत की खबर सबसे पहले उनके पिता को मिली थी। करीब 6 महीने पहले ही दीपक की शादी हुई थी। शहीद दीपक के बड़े भाई प्रकाश सिंह भी सेना में हैं। प्रकाश का कहना था कि अभी 12 दिन पहले ही उनकी अपने भाई से बात हुई थी। दीपक ने वादा किया था कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद वो घर आएंगे।
वो नहीं आए लेकिन उनके पिता गजराज सिंह के मोबाइल फोन पर बिहार रेजिमेंट से फोन आया और पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। यही सन्नाटा गर्व के अश्रुओं में परिवर्तित होकर रीवा के लाल और भारत के अमर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने लगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इन्हीं लोगों के बीच खड़े होकर जैसे कह रहे हों-
शहीदों की चिताओं पर
लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मिटने वालों का
यहीं बाकी निशां होगा।।
इसी के साथ शिवराज सिंह चौहान सरकार पर भेदभाव का जो आरोप लग रहा था, वो प्रकरण पीछे चला गया। मध्य प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ ही शिवराज सरकार में तबादलों का दौर जारी है। नगर निगम कमिश्नर के बाद अब भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े का तबादला कर दिया गया है। तरुण पिथोड़े की जगह अविनाश लवानिया को भोपाल के कलेक्टर की कमान सौंपी गई है। आईएएस अधिकारी अविनाश लवानिया प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद हैं।
अविनाश लवानिया 2018 में भोपाल नगर निगम के कमिश्नर रह चुके हैं। मई 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने लवानिया को होशंगाबाद कलेक्टर से भोपाल नगर निगम कमिश्नर की जिम्मेदारी सौंपी थी। दिसंबर में शिवराज सरकार के बदलने के साथ ही भोपाल नगर निगम कमिश्नर के पद से अविनाश लवानिया को हटा दिया गया था और उनकी जगह पर पी विजय दत्ता को नगर निगम कमिश्नर बनाया गया था। वह केवल 6 महीने ही नगर निगम में कमिश्नर के पद पर रहे थे।
2009 बैच के आईएएस अधिकारी अविनाश लवानिया मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद हैं। मिश्रा के दामाद होने के चलते ही पिछली कांग्रेस सरकार में अविनाश लवानिया हाशिये पर थे लेकिन अब सरकार बदलने के साथ ही उनको भोपाल कलेक्टर की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। निवर्तमान कलेक्टर तरुण पिथोड़े को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण का संचालक बनाया गया है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के जाते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के शपथ ग्रहण के बाद ही अफसरों के तबादले शुरू हो गए थे। लॉकडाउन के बीच इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव को हटाकर मनीष सिंह को इंदौर कलेक्टर की जिम्मेदारी दी गयी थी, तभी से लगातार चर्चा थी कि भोपाल कलेक्टर का तबादला भी जल्द होगा। लॉकडाउन खत्म होते ही नगर निगम कमिश्नर विजया दत्ता का भी तबादला कर दिया गया है, तो वहीं अब भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े को भी हटा दिया गया है। इसी के बाद सरकार में दामादवाद की चर्चा होने लगी थी। कांग्रेस ने कहा सोनिया जी के दामाद पर उठने वाली उंगलियां अब निष्क्रिय क्यों हो गयी हैं।
इसी के साथ मध्य प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कुछ राहत भरी खबर भी सामने आ रही हैं। पिछले 19 दिनों से जब से लॉकडाउन खुला है, तब से प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 3 हजार से कम है। इसके अलावा प्रदेश के 6 जिले कोरोना संक्रमण से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं, तो 24 जिलों में 10 से कम एक्टिव केस हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान लगातार कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे हैं । प्रदेश में कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए प्रकरणों की जल्दी पहचान कर उनका इलाज किया जा रहा है। इसके लिए टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाया गया है। मध्घ्य प्रदेश में कोरोना के कुल 7103 टेस्ट किए गए हैं, इनमें से 6116 प्रदेश के अंदर और 987 प्रदेश के बाहर किए गए हैं जबकि प्रदेश की प्रतिदिन टेस्टिंग क्षमता 6240 है। प्रदेश की कोरोना वृद्धि दर 1.62 प्रतिशत रह गई है, जबकि देश मे 3.59 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस मामले में भी विपक्ष की आलोचना से राहत मिली है।
(हिफी)