लुप्त हुए चीते की फिर हो रही है भारत में वापसी
भोपाल।धरती के सबसे तेज दौड़ने वाले वन्य प्राणी चीते की आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान भारत की धरती पर करीब 75 वर्ष बाद ही वापसी हो रही है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार माना जाता है कि मध्यभारत के कोरिया (वर्तमान में छत्तीसगढ़ में स्थित) के पूर्व महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव द्वारा 1948 में भारत में अंतिम चीते का शिकार किया गया था। अंग्रेज सरकार के अधिकारियों एवं भारत के राजाओं द्वारा किये गये अत्यधिक शिकार से 19वीं शताब्दी में इनकी संख्या में अत्यधिक गिरावट आई। अंततः 1952 में भारत सरकार ने अधिकारिक तौर पर देश में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया।
भारत में चीतों का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। मध्यप्रदेश के गांधीसागर अभयारण्य के चतुर्भुज नाला एवं खरबई, जिला रायसेन में मिले शैल चित्रों में चीतों के चित्र पाये गये हैं। भारत में चीतों के पुनर्स्थापना हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की बैठक वर्ष 2009 में आयोजित की गई। वर्ष 2010 में भारतीय वन्य-जीव संस्थान द्वारा चीता पुनर्स्थापना हेतु संपूर्ण भारत में संभावित 10 क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया। इन संभावित 10 स्थलों में से कूनो अभयारण्य (वर्तमान कूनो राष्ट्रीय उद्यान, श्योपुर) को सबसे उपयुक्त पाया गया। चीतों की पुनर्स्थापना के संबंध में पर्याप्त अध्ययन न होने से वर्ष 2013 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चीता को भारत लाये जाने पर रोक लगा दी गई। चीतों के पुनर्स्थापना हेतु सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 28 जनवरी 2020 को अनुमति प्रदान की गई एवं चीता परियोजना हेतु मॉनीटरिंग के लिये 3 सदस्यीय विशेषज्ञ दल का गठन किया गया।
मध्यप्रदेश में कूनो राष्ट्रीय उद्यान, श्योपुर में अफ्रीका से लाकर चीतों की पुनर्स्थापना हेतु तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। चीतों के अनुकूल रहवास हेतु घास के मैदान विकसित किये गये हैं। शिकार के लिए शाकाहारी वन्य-प्राणियों को अन्य संरक्षित क्षेत्रों से लाकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा गया है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों एवं अन्य सभी वन्य-प्राणियों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में एकीकृत प्रबंधन में 750 वर्ग कि.मी. का क्षेत्र चीतों के सॉफ्ट रिलीज़ हेतु चयनित किया गया है। इसके अतिरिक्त लगभग 3 हजार वर्ग कि.मी. वनक्षेत्र श्योपुर एवं शिवपुरी जिले में चीतों के स्वछंद विचरण हेतु उपलब्ध होगा। अफ्रीकी चीते के आने से जहाँ प्रदेश की जैव-विविधता में और अधिक मजबूती आएगी, वहीं खाद्य श्रृंखला में भी एक स्तर और बढ़ जायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितम्बर को चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पुनर्स्थापित करेंगे। कूनो राष्ट्रीय उद्यान के आस-पास स्थित श्योपुर, मुरैना एवं शिवपुरी जिले की जनता भी पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि से अतिरिक्त लाभ अर्जित कर बेहतर जीवन यापन कर सकेगी। पर्यटन में वृद्धि होने से स्थानीय समुदाय के लिये रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
वार्ता