कैलाश मानसरोवर यात्रा और लिपुलेख दर्रे से International Trade बंद होने के आसार
पिथौरागढ़ । भारत-चीन के बीच बढ़ते विवाद के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के साथ लिपुलेख दर्रे से होने वाले भारत-चीन व्यापार पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। इस वर्ष कोविड-19 के चलते इस रास्ते से भारत-चीन व्यापार नहीं हो पाया है।
भारत-चीन व्यापार में जाने वाले व्यापारियों ने भी अंदेशा जताया है कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद की स्थिति ऐसी ही रही तो इस रास्ते से व्यापार बंद हो सकता है। साथ ही उन्होंने देशहित में चीन से व्यापार छोड़ने की बात भी कही। मालूम हो कि पिछले कुछ सालों से आयात और निर्यात में काफी कमी आई है।
भौगोलिक परिस्थितियां अथवा सुविधाओं की कमी और दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार में दिनों-दिन कमी आती जा रही है। समुद्र तल से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित लिपुलेख दर्रे से होने वाले इस व्यापार की प्रमुख मंडी पिथौरागढ़ जिले का गुंजी और तिब्बत में तकलाकोट हैं।
दोनों मंडियों में दोनों देशों के व्यापारी कारोबार कर सकते हैं। बावजूद इसके भारतीय कारोबारी तो तकलाकोट जाते हैं, लेकिन चीन के व्यापारी गुंजी आने से कतराते हैं। इतना ही नहीं वर्ष 2016 के बाद इस व्यापार में आयात और निर्यात में कमी आई है। वर्तमान में यह व्यापार घटकर आधे से भी कम रह गया है। आयात लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन निर्यात में काफी कमी आई है।