आर्मी के ख़ौफ़ से कैसे सहम गया था आतंकी तारिक,पढें
नई दिल्ली । कल श्रीनगर एनकाउंटर में सीआरपीएफ द्वारा मौत के घाट उतारा हिजबुल आतंकी तारिक़ शेख़ अपनी मौत को सामने देख फ़ोन पर अपने आकाओं से वहाँ पहुँचकर पत्थरबाज़ी करवाने की गुहार लगा रहा था,ताकि उसकी आड़ में वो बच कर भाग सके।
एक न्यूज़ चैनल पर चली खबर पर ऑडियो में आतंकी तारिक अहमद शेख को जब सेना ने घेर लिया तब यह आतंकी फोन कॉल के जरिए अपने आकाओं से मदद की गुहार लगाने लगा। अगर घाटी में पत्थरबाज़ों और आतंकियों के आकाओं को समझना है तो मौत से ठीक पहले उसके ये बोल थे-अस्सलाम वालेकुम शाहिद साहब, तारिक हूं मैं, हम फंस गए हैं नवाकदल में, पुरानी लोकेशन में, वहां से कुछ बंदो को भेजो, जो पथराव करेंगे पीछे वाली सड़क से बंदो को भेजो, ताकि वो पथराव करें और हमें बाहर निकाले, मेरे साथ जुनेद साहब भी हैं, शाहिद साहब... जल्दी करो जल्दी यह आखिरी घड़ी है। 27 सेकंड यह ऑडियो आतंकी के डर को बता रहा है जब आतंकी ने सेना को अपने काल के रूप में सामने देखा तो वह जान की पुकार लगाने लगा। आतंकी कितना भी खतरनाक क्यों ना हो पर जब वह सेना के घेरे में आता है तो बच कर निकलना नामुमकिन है उसका वही हश्र होता है जो इस हिजबुल आतंकी का हुआ।
सूत्रों के अनुसार मंगलवार को श्रीनगर के नवाकदल में घरों में हिजबुल के दो आतंकी छिपे हुए थे। जिसमें हिजबुल का टॉप कमांडर जुनैद व तारीक थे, सीआरपीएफ व जम्मू कश्मीर पुलिस ने ऑपरेशन के तहत दोनों आतंकियों को घेर कर मौत के घाट उतार दिया व उन्हें दुनिया से अलविदा कर सही जगह भेज दिया। 18 मई को करीब 10 घंटे चले एनकाउंटर में यह सिक्योरिटी फोर्स की बड़ी कामयाबी मिली है।भारतीय सिक्योरिटी फोर्स आतंकी वायरस के लिए सटीक वैक्सीन का काम कर रही है व चुन-चुन कर आतंकियों का सफाया कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों के लिए अब अगला टारगेट शाहिद को खोज कर उसके मंसूबों का पता लगाना अहम होगा। यह पता लगाना कि कौन है यह शाहिद और क्या है इसकी देश के खिलाफ इसकी अगली साजिश यह पता लगाना मुख्य है।