यहां गिरा था देवी सती का हाथ,युधिष्ठर ने कराया था मंदिर निर्माण
कौशांबी। देश की 51 शक्तिपीठों में शामिल शीतला देवी शक्तिपीठ कड़ा धाम में आयोजित होने वाले शारदीय नवरात्र के तीसरे दिन हज़ारों श्रद्धालुओं नें मां देवी के दर्शन कर फूल मालांए चढ़ा कर पूजा अर्चना किया है और माथा टेक कर मनोवांछित फल प्राप्त करने की मन्नतें मांगी।
पवित्र पावनी गंगा के किनारे स्थित शीतला देवी शक्ति पीठ अनादि काल से शक्ति उपासकों के आस्था का केन्द्र बना हुई है। पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार शिव अर्धांग्नी देवी सती का एक हाथ भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से काटे जाने पर जिस स्थान पर हाथ गिरा था उसे 'करा' अपभ्रंस होने पर 'कड़ा' नाम पड़ गया। जिस स्थान पर सती का हाथ गिरा था वही स्थान शीतला देवी शक्ति पीठ बन गई। कालान्तर में द्वापर युग में महाराज युधिष्ठिर ने उक्त स्थान में एक विशाल मंदिर का निर्माण कराया था। जो वर्तमान में भव्य रूप धारण कर चुका है।
शीतला शक्ति पीठ में वर्ष के दोनों नवरात्रों के अवसर पर देश के कोने कोने से लाखों श्रद्धालु यंहा आकर मां के दरबार में माथा टेकते है। सुख समृद्धि के लिए मन्नतें मानते हैं। मां के चरणों में ध्वज–पताका‚ निशान‚ नारियल‚ चुनरी‚ बतासा‚ आभूषण‚ वस्त्र दान करते हैं। गरीब व कन्याओं को भोजन कराने की परम्परा है।
शारदीय नवरात्र के अवसर पर पूरे नवदिन शक्ति उपासकों की भीड़ मां शीतला के दर्शनार्थ उमड़ती है। प्रतिपदा के एक–दो दिन पूर्व से ही श्रद्धालुओं का आगमन यंहा होने लगता है। कड़ा आने पर गंगा स्नान तदोपरान्त मां शीतला के दर्शन की परम्परा है। मां शीतला के चरणों के समीप बनी जलहरी(कुंड) में मनोवांछित कार्यसिद्धि की कामना से गंगा जल व दूध भक्तजन भरते हैं। जलहरी भरने का अंहकार भाव नही होना चाहिए।
मान्यता है कि अहंभाव आने पर जलहरी नही भरी जा सकती है। नवरात्र के अवसर पर नौनिहालों के निरोगी व दीर्घजीवी होने के लिए मां के दरबार में बच्चों के मुण्डन कराने की परम्परा सदियों से जीवित है। नवरात्र में नवविवाहिता जोड़े मां के दर्शनार्थ कड़ा आते हैं।
कोविड 19 के चलते देशभर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद बासंतिक नवरात्री के अवसर पर पहली बार शीतलाधाम शक्ति पीठ के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए बंद के दिए गए थे। लॉकडॉउन समाप्त होने के बाद शारदीय नवरात्र के अवसर पर देवी दर्शन के लिए देश के दूरस्थ भागों से देवी दर्शनार्थ श्रद्धालुओ का आवागमन चल रहा है।
इस बार ट्रेन का आवागमन बाधित होने से दूरस्थ भागों से श्रद्धालुओं के आने में अड़चन हो रही है। प्रशासनिक अमला यहां आने वाले श्रद्ालुओं को बिजली,पानी एवम् स्वस्थ सुविधाओ का बेहतर बंदोबस्त किया है।