भक्तों को नहीं मिल पा रही दुर्गा प्रतिमा

भक्तों को नहीं मिल पा रही दुर्गा प्रतिमा

गोण्डा उत्तर प्रदेश में गोण्डा जिला प्रशासन द्वारा त्योहारों को दैहिक दूरी के पालन संग मनाने की अनुमति सशर्त काफी देरी से देने का खमियाजा देवी भक्तों को मूर्ति न मिलने से भुगतना पड़ रहा है ।

मूर्तिकार जीवनलाल ने कहा कि भले ही जिला प्रशासन द्वारा तीन फुट तक की दुर्गा प्रतिमाओं को घरों में दैहिक दूरी संग स्थापित करने की बात कही जा रही हो लेकिन योगी सरकार की मंशा के अनुरूप देवीभक्त इस बार दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना शायद ही कर सके । इसका मुख्य कारण कोरोना काल में पड़ रही दुर्गापूजा की नवरात्रि के दो दिन पूर्व प्रशासन द्वारा मूर्ति स्थापना की गाइडलाइन जारी करना बताया जा रहा हैं ।

गणेश महोत्सव के पूर्व ही पुलिस द्वारा मूर्तियों के निर्माण के लिये सख्ती से मनाही कर दी गयी थी, जबकि बार बार प्रशासन से अनुरोध किये जाने के बावजूद मूर्ति निर्माण की इजाजत न मिलने के कारण मूर्ति बनाने वाले नगर के साहबगंज मोहल्ले के जीवनलाल व झंझरी ब्लाक के निकट के रहने वाले ईश्वर नाथ को भूखों मरने की नौबत आने पर मजबूरन बाराबंकी के मसौली में धड़ल्ले से निरंतर दुर्गा प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार के यहां कारीगरी करने जाना पड़ा । जीवन ने बताया कि इन दोनो के अतिरिक्त श्री नूरामल मंदिर परिसर में बंगाल प्रांत से प्रतिवर्ष आकर मूर्तियां बनाने वाला विख्यात मूर्तिकार हारूपाल बंगाली भी इस बार प्रशासन की बेरुखी से असंतुष्ट होकर बंगाल चला गया।

उन्होनें कहा कि अनुमति मिलने मे काफी देरी होने से अब किसी भी साइज की मूर्तियां देना असंभव है । मसौली मे भी दुर्गा प्रतिमाओं का आर्डर फुल होने से गोण्डा के लोगों के लिये मूर्तियों का आर्डर नहीं लिया जा सकता । लखनऊ के लकड़मंडी इलाके मे खिलौने बनाने वाले कारीगर मां दुर्गा की एक एक फुट तक की मूर्तियां मौके का फायदा उठाकर चार से पांच हजार रुपये तक में बिक्री कर रहें हैं ।

इधर,बाबा सूरदास मंदिर दुर्गापूजा सेवा समिति के अध्यक्ष दिनेश कश्यप ने बताया कि देरी से प्रतिमा स्थापना की अनुमति मिलने से मूर्तियां खरीदने में भक्तों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं । अधिकांश देवी भक्तों को लखनऊ कानपुर समेत कई जिलों में जाकर निर्धारित मूल्यों के बजाय चौगुने मनमाने मूल्यों तक मूर्तियां लेनी पड़ रही हैं ।

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