पी चिदंबरम का सरकार से सवाल- PM गरीब कल्याण योजना राहत थी या दिखावा
नई दिल्ली । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 42 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को 68,820 करोड़ रुपये दिए जाने पर प्रश्न खड़ा किया है कि यह ''राहत थी या दिखावा?''
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट में लिखा कि, '' प्रत्येक लाभार्थी को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना तहत कितना मिला? क्या यह वास्तव में 'राहत' थी या सिर्फ दिखावा था?'' पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया है कि, 2.81 करोड़ लोगों को 2,814 करोड़ रुपये या प्रति व्यक्ति 1000 रुपये मिले। क्या यह पर्याप्त है? जनधन खाता रखने वाली महिलाओं (20.6 करोड़) को तीन महीने में 30,925 करोड़ रुपये या प्रति महिला 1500 रुपये मिलें हैं। क्या एक गृहिणी 500 रुपये महीने में एक परिवार चला सकती है?
सरकार का कहना है कि वह राज्यों को जीएसटी मुआवजा के अंतर को पाटने के लिए 'लेटर ऑफ कम्फर्ट' देगी, जिससे वो उधार ले सके।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 10, 2020
ये सिर्फ कागज के टुकड़े पर बेवकूफ बनाने वाले शब्द हैं, जिनकी कोई कीमत नहीं है।
पी चिदंबरम ने आगे लिखा कि, ''प्रवासी कामगारों को (2.66 करोड़) को दो महीने में 2.67 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न मिला। यानी पांच किलो प्रति माह। क्या इससे एक प्रवासी और उसका परिवार गुजर कर सकता था?''
पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि, '' ये आंकड़े साबित करते हैं कि दिया गया पैसा अत्यंत सीमित और पूर्ण रूप से अपर्याप्त था। निश्चित तौर पर यह पैसा मांग को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए एक 'प्रोत्साहन' के रूप में काम नहीं कर सका''
पी चिदंबरम ने आगे कहा कि सरकार का कहना है कि वह राज्यों को जीएसटी मुआवजा के अंतर को पाटने के लिए 'लेटर ऑफ कम्फर्ट' देगी, जिससे वो उधार ले सके। ये सिर्फ कागज के टुकड़े पर बेवकूफ बनाने वाले शब्द हैं, जिनकी कोई कीमत नहीं है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट में आगे लिखा है राज्यों को नकद राशि की जरूरत है। केवल केंद्र सरकार के पास संसाधनों को बढ़ाने और राज्यों को जीएसटी मुआवजे में कमी का भुगतान करने के लिए कई विकल्प और लचीलापन है। यदि राज्यों को उधार लेने के लिए मजबूर किया जाता है, तो उन राज्यों द्वारा पूंजीगत व्यय पर कुल्हाड़ी निश्चित ही गिर जाएगी, जो पहले से ही कटौती का सामना कर चुके हैं।
आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के हिस्से के तौर पर मुफ्त अनाज और महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को नकद मदद देने की घोषणा की थी।