ट्रम्प ने अपने सैनिकों का किया अपमान!
वाशिंगटन। क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अलग अलग ऐक्शन में मारे गए अमेरिकी सैनिकों को लूजर और सकर कहकर उनका अपमान किया ? यह टिप्पणी पहली बार अटलांटिक पत्रिका में दर्ज की गई थी। उसके बाद एसोसिएटेड प्रेस और फॉक्स न्यूज ने भी इसकी पुष्टि की। राष्ट्रपति और उनके सहयोगियों ने इस तरह की कोई टिप्पणी करने से इंकार किया हैं। लूजर शब्द का अर्थ नाकारा या निकम्मा और सकर का अर्थ संसाधनों पर पलने वाले परजीवी है। राष्ट्रपति ट्रम्प की इस टिप्पणी के बाद नाराज अनेक पत्रकारों और प्रगतिशील समूह वोटवेट्स ने उन परिवारों का एक वीडियो पोस्ट किया है जिनके सदस्य मिलिट्री कार्यवाहियों में मारे गए हैं। एक परिवार ने अपनी नाराजगी दिखाते हुए कहा कि आप नहीं जान सकते कि बलिदान करना किसे कहते हैं।
ईरान और अफगानिस्तान युद्ध में लड़ चुके अमरीकी सैनिक पॉल रिकहॉफ ने तरुम द्वारा की गई इस टिप्पणी पर एक ट्वीट में कहा कि ट्रम्प की इस टिप्पणी से कौन बहुत हैरान है। विश्लेषकों का मानना है कि दुबारा चुनाव लड़ रहे ट्रम्प की इस तरह की टिप्पणियां उनके लिए घातक हो सकती हैं क्योंकि उन्हें मिलिट्री वोटरों के वोट की बहुत जरुरत है। द अटलांटिक के अनुसार ट्रम्प ने 2018 में पेरिस के बाहरी इलाके में स्थित एक अमेरिकी कब्रिस्तान की यात्रा यह कहकर रद्द कर दी थी कि यह हारे हुए लोगों से भरा कब्रिस्तान है। चार विश्वसनीय सूत्रों ने पत्रिका को बताया कि ट्रम्प ने कब्रिस्तान जाने के विचार को इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि उस वक्त बाहर हो रही बारिश से उनके बाल खघ्राब हो जाएंगे। उनके अनुसार अमेरिका के युद्ध के मृतक इतने महत्वपूर्ण नहीं है कि उनके लिए इतना कुछ किया जाए। उसी दोरान उन्होंने सकर शब्द का प्रयोग किया था। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान इस लड़ाई से पेरिस पर जर्मन सैनिकों के हमले को रोकने में मदद मिली थी और इसे यूएस मरीन कॉर्प्स द्वारा सम्मानित किया गया है। व्हाइट हाउस ने इस यात्रा को रद्द करने की वजह खराब मौसम में राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर का खराब हो जाना बताया था। राष्ट्रपति ट्रम्प के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन की हाल में आई किताब में इस पूरे प्रकरण का जिक्र मिलता है।