केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया
नई दिल्ली । बाजार में प्याज की निरंतर उच्च कीमत को ध्यान में रखते हुए आज केंद्र सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए व्यापारियों पर स्टॉक सीमा लागू करने, निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसे कई कदम उठाए और राज्य सरकारों से छापा मारने सहित व्यापारियों द्वारा जमाखोरी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा।
केंद्र सरकार ने एक त्वरित कार्रवाई में बाजार में स्टॉक को जारी करने को सुगम बनाने और व्यापारियों द्वारा जमाखोरी को रोकने के लिए प्याज व्यापारियों पर स्टॉक सीमाएं लगा दीं। पूर्व में, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को स्टॉक सीमाएं लगाने के लिए अधिकृत किया था। इस बार, केंद्र सरकार ने भारत भर के राज्यों पर सीधे स्टॉक सीमा लगाने का फैसला किया है। आज देश भर में खुदरा व्यापारियों पर 100 क्विंटल और थोक व्यापारियों पर 500 क्विंटल की स्टॉक सीमा लगाई गई है।
Central government imposes stock limit on traders, bans export of #onions
— PIB India (@PIB_India) September 29, 2019
Details here: https://t.co/6a3ZVvUiBK
इसके अतिरिक्त, सरकार ने तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे कि घरेलू उपलब्धता में सुधार आ सके। हाल ही में, 13 सितंबर 2019 को प्याज के निर्यात पर 850 डॉलर (एफ.ओ.बी) प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया गया था। हालांकि इसके बाद प्याज के निर्यात में कुछ कमी आई, फिर भी निर्यात अभी भी जारी था। प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से घरेलू उपलब्धता और प्याज की कीमतों में सुधार आने की उम्मीद है।
केंद्र-राज्य ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे स्टॉक सीमा को सख्ती से लागू करें और छापेमारी आदि के जरिए बेईमान व्यापारियों के खिलाफ जमाखोरी विरोधी कार्रवाई करें।
रबी 2019 सीजन के दौरान नाफेड के माध्यम से सरकार द्वारा लगभग 56,700 मीट्रिक टन का केंद्रीय बफर बनाया गया था। इस बफर स्टॉक का उपयोग 23.90 प्रति किलो की दर पर दिल्ली को आपूर्ति के लिए किया जा रहा है। हरियाणा और आंध्र प्रदेश को भी बफर से आपूर्ति की जा रही है। अन्य राज्यों को भी इस बफर का उपयोग और इसके लिये उपभोक्ता मामलों के विभाग और / या नाफेड को अपनी मांग इंगित करने के लिए कहा गया है।
बांग्लादेश और श्रीलंका को न्यूनतम निर्यात मूल्य से नीचे के कथित निर्यात को तुरंत रोक दिया जाएगा और जो केंद्र सरकार के इस फैसले का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई आरम्भ की जाएगी।
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