उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट पैसे का गलत इस्तेमाल, इससे गरीबों का फायदा नहीं : मायावती

उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट पैसे का गलत इस्तेमाल, इससे गरीबों का फायदा नहीं : मायावती

लखनऊः उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट'को बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने पैसे का गलत इस्तेमाल करार दिया है।बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इससे गरीब,मजदूर एवं बेरोजगार युवाओं का भला होने वाला नहीं है।

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बयान में कहा कि उद्योगपतियों का सम्मेलन आयोजित कराना वर्तमान में एक ऐसा फैशन हो गया है जिसके नाम पर खासकर भारतीय जनता पार्टी सरकारें धन को पानी की तरह बहाती हैं जबकि जनता की इसी गाढ़ी कमाई से गरीबों, मजदूरों एवं बेरोजगार युवाओं को राहत,जनता के असली हित एवं कल्याण के अनेक महत्वपूर्ण काम किए जा सकते थे।


उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट को लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने हमला बोलते हुए कहा कि इससे लाखों किसानों को कर्ज से मुक्ति मिल सकती थी।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हाल के अनुभवों को देखकर लगा है कि 'इन्वेस्टर्स समिट' लोंगों की महंगाई एवं बेरोजगारी की समस्याओं तथा सरकार की अपनी विफलताओं पर से जनता का ध्यान बांटने का एक माध्यम बन गया है।इसके अलावा यह भाजपा सरकारों द्वारा भ्रष्टाचार का एक अच्छा साधन भी बन गया लगता है।उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र आदि कई अन्य राज्यों के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी भाजपा सरकार पर 'इन्वेस्टर्स समिट' का बुखार चढ़ गया है और इसे ही सबसे बड़ी जनसेवा एवं विकट जन समस्याओं का हल मानकर पूरी सरकार इसी में व्यस्त रही है।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सरकारी धन को पानी की तरह इसके प्रचार-प्रसार पर खर्च किया गया है।उन्होंने कहा कि यह एक सच है कि जिस भी देश एवं प्रदेश में कानून-व्यवस्था की हालत अच्छी नहीं होती है वहां उद्योगपति उद्योग-धंधा लगाना घाटे का सौदा समझता है।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए नहीं लगता यहां उद्योग-धंधे आएंगे।इसलिए इस बात की पूरी आशंका है कि जनता की गाढ़ी कमाई का अरबों रूपया खर्च करके हुआ 'इन्वेस्टर्स समिट' राजनीतिक अखाड़ेबाजी का शो मात्र बनकर रह जाएगा।सरकार कई लाख करोड़ रूपए के एम.ओ.यू.हस्ताक्षर होने का ढिंढोरा पीटकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।उन्होंने कहा कि एक उद्योगपति भाजपा नेताओं को खुश करने के लिए एक साथ कितने भाजपा शासित राज्यों में कारखाने लगाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार अन्य भाजपा सरकारों का अंधा अनुसरण कर कई सौ करोड़ रूपए फिजूूल में खर्च करके 'इन्वेस्टर्स समिट' करने से पहले प्रदेश की कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त कर प्रदेश में सुरक्षा का अच्छा वातावरण पैदा करना चाहिए था।केवल पुलिस इन्काउन्टरों के बल पर कानून-व्यवस्था की स्थिति को बेहतर नहीं किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को ईमानदार से सख्त कानूनी कदम उठाने चाहिए।अपने नेताओं पर से मुकदमा वापसी की नीति से प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बदतर स्थिति सुधरने वाली नहीं है।

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