अफ़सर के साथ लेखक भी है एडीजीपी एस एन सावंत, मिला पुरुस्कार

1990 बेंच के आईपीएस अफसर एस एन सावंत जहां भी रहे अपनी कार्यशैली से आम जनता में लोकप्रिय रहे , मुज़फ्फरनगर हो या बनारस बतौर एसएसपी एसएन सांवत ने पीड़ितों की समस्याओं के समाधान ओर मानवाधिकार के लिए बहुत काम किया। बनारस से एएसपी के रूप में काम करने वाले एस एन सावंत इसके बाद अलीगढ़ ओर अयोध्या में भी एएसपी बने। जालौन, मिर्ज़ापुर, मुज़फ्फरनगर ओर बनारस में ज़िले के कप्तान के रूप में एस एन सावंत ने पीड़ितों को त्वरित न्याय देकर आम जनमानस में अपनी छाप छोड़ दी थी। व्यवहार कुशल अफसर माने जाने वाले एसएन सावंत मिर्ज़ापुर , कानपुर ओर बनारस के डीआईजी भी रह चुके है।
इसके बाद एसएन सावंत को संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना में काम करने के लिए भेजा गया जहां उन्होंने मानवाधिकार के लिए बहुत काम किया । वहां से वापस आकर एसएन सावंत 5 साल तक सीआरपीएफ में आईजी के पद पर तैनात रहे । सीआरपीएफ में एसएन सावंत की पोस्टिंग के दौरान मुज़फ्फरनगर में 2013 में दंगा हुआ, दंगे में जैसे ही सीआरपीएफ की तैनाती हुई तो एसएन सावंत स्पेशल तौर पर मुज़फ्फर नगर पहुंचे और दंगे को नियंत्रण करने में अपनी विशेष भूमिका निभाई। इसकी वजह भी थी एसएन सावंत चूंकि 1997 में मुज़फ्फर नगर में एसएसपी रह चुके थे और इस जनपद ओर वंहा के लोगो से परिचित थे इसलिए उन्होंने वहां के ज़िम्मेदार लोगो से भी व्यक्तिगत बातचीत कर ज़िले में शांति स्थापित करने की बात की। उनके अनुभव का सीआरपीएफ को मुज़फ्फर नगर में लाभ मिला ओर इस पैरामिलेट्री फोर्स ने एसएन सावंत ने निर्देशन में दंगे में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने में मदद की।सीआरपीएफ में रहते नक्सल एरिया में भी एसएन सावंत ने नक्सलियों से मुकाबला करते हुए जनता को बचाने में अपना योगदान दिया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में एसएन सावंत पैरामिलेट्री फोर्स के इंचार्ज थे उनके मार्गदर्शन में लोकसभा चुनाव शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने में भी पैरामिलेट्री फोर्स कामयाब हुई थी।यूपी में वापस आने पर एसएन सावंत को आईजी रेलवे लखनऊ और उसके बाद एडीजीपी पुलिस भर्ती एंव प्रोन्नति बोर्ड में तैनात किया गया । अब जब यूपी में निज़ाम बदला तो जनपदों में तैनाती के दौरान बेहतर रिजल्ट देने वाले एसएन सावंत को इलाहाबाद ज़ोन के एडीजीपी की जिम्मेदारी दी गयी है
एडीजी इलाहाबाद जोन सत्य नारायण सावंत को उनकी पुस्तक के लिए किया गया पुरस्कृत
अब इलाहाबाद के एडीजी जोन सत्य नारायण सावंत को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो, गृह मंत्रालय की ओर से उनकी पुस्तक के लिए पुरस्कृत किया गया है। एडीजी जोन सत्य नारायण सावंत की पुस्तक भारत में मानवाधिकार, वैदिक काल से आधुनिक काल तक को पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार मिला है। उन्हें 30 हजार रुपये और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया है। सत्य नारायण सावंत की गिनती आइपीएस अफसर के साथ साथ हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं के लेखक के रूप में भी है। एसएन साबत मूलत: पदार्थ विज्ञान से स्नात्कोत्तर एवं प्रबन्धन (मानव संसाधन) का अध्ययन करने के बाद भारतीय संस्कृति एवं मानव अधिकार जैसे विषयों के शोध-कार्य किए। एसएन सावंत का भारतीय संस्कृति में मानव अधिकार विषय पर लिखा लेख वर्ष 2004 में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा प्रकाशित 'नई दिशाएं पुस्तक में प्रकाशित हुआ। वर्ष 2006 में इनकी कृति 'भारतीय संस्कृति में मानव अधिकार की अवधारणा को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था। संयुक्त राष्ट्रीय संघ के शान्ति मिशन में सराहनीय कार्य के लिए एसएन सावंत को विश्व शान्ति पदक दिया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें भारत के राष्ट्रपति की ओर से वर्ष 2006 और वर्ष 2014 में विशिष्ट सेवा हेतु पुलिस पदक प्रदान किया गया था।
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