पीड़ित महिलाओं को अपनी समस्याओं को महिला आयोग के सामने रखना चाहिए : सुषमा सिंह

पीड़ित महिलाओं को अपनी समस्याओं को महिला आयोग के सामने रखना चाहिए : सुषमा सिंह

मुजफ्फरनगर उप्र राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष (उपमंत्री स्तर प्राप्त) सुषमा सिंह ने आज निरीक्षण भवन में विभागीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ महिला उत्पीडन एवं घरेलू हिंसा से सम्बन्धित प्रकरणों की जन सुनवाई/समीक्षा बैठक करते हुए निर्देश दिये कि महिला उत्पीडन की शिकायत आने पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चत करायी जाये। उन्होने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी न होने पर कई प्रकरण सुलझ नही पाते है।





महिलाओ के अधिकारों के लिए अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कराया जाये। उन्होने कहा कि महिला उत्पीडन की रोकथाम एवं पीडित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाये जाने तथा आवेदक/आवेदिकाओं की सुगमता की दृष्टि से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में महिला उत्पीडन की घटनाओं की समीक्षा की जा रही है ताकि पीडित महिलाओं की समस्याओं का निराकरण किया जा सके। समीक्षा बैठक में महिला थाना अध्यक्ष ने विगत तीन माह में महिला उत्पीडन सम्बन्धी घटनाओं की विस्तृत आख्या/कृत कार्यवाही की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया। उन्होने कहा कि पीडित महिलाएं अपनी समस्या महिला आयोग के समक्ष जरूर रखें। उन्होने कहा कि कोई भी पीडित महिला अपनी समस्या महिला आयोग के समक्ष रख सकती है।





उपाध्यक्ष ने कहा कि जनपद में जितने भी महिला आश्रम, वृद्वाश्रम व बाल सुधार गृह, एनजीओ चल रहे है उन सभी में को योजना का लाभ दिया जाये। उन्होने कहा कि सभी संस्थाओं का पूर्ण ब्यौरा रखा जाये। उनमें निवास कर रहे लोगो को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कराया जाये। उनके आधार कार्ड, विधवा पेंशन, वृद्वावस्था पेंशन, अगर कोई दिव्यांग है तो दिव्यांग पेशन व उन्हे ट्राई साइकिल का वितरण कराया जाये। उन्होंनेे कहा कि ऐसा करने से संस्था या आश्रम में रह रहे व्यक्ति आत्मनिर्भर बनेगें उन्हे संस्था के भरोसे नही रहना पडेगा। उन्होने कहा कि संस्थाओ में समान आयु वर्ग के बच्चों को एक साथ व वृद्वों केा एक साथ रखा जाये। क्योंकि भिन्न भिन्न आयु वर्ग की मानसिकता अलग अलग होती है। समान आयु वर्ग के साथ रहने में अधिक सहज महसूस करेगे। उन्होने कहा कि जिन संस्थाओं/एनजीओ को सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है उनमें सभी आवश्यक सुविधा प्रदान कराई जाये। उन्होंनेे कहा कि लगातार टीम बनाकर निरीक्षण किया जाये और जो संस्थाए निरीक्षण के दोरान सही कार्य करती नही मिले तत्काल आयोग को लिखित में अवगत कराया जाये। उन्होने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग अपने अपने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से संस्थाओं में रह रहे लोगो को योजना का लाभ दिलाये ताकि उनका मनोबल मजबूत हो सके। उन्हे आश्रित न रहना पडे। उन्होने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि महिला आश्रम, वृद्वाश्रम व बाल सुधार गृह, एनजीओ एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में हैल्थ कैम्प लगवाये एवं उनका हैल्थ कार्ड भी जारी कराया जाये।

इस अवसर पर एसडीएम सदर, जिला प्रोबेशन अधिकारी, सीओ सिटी, महिला थाना अध्यक्ष सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

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