बोले ADM-तीन दिवसीय बंदी की प्रशासन की कोई योजना नहीं

बोले ADM-तीन दिवसीय बंदी की प्रशासन की कोई योजना नहीं

मुजफ्फरनगर। सोशल मीडिया पर चल रही जनपद मुजफ्फरनगर में 3 दिन की बंदी की खबर का संज्ञान लेते हुए एडीएम प्रशासन ने तीन दिवसीय बंदी के किसी भी आदेश या योजना से इंकार किया है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन की जिले में तीन दिनी बंदी लागू करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।

मंगलवार को तेजी के साथ सोशल मीडिया पर जनपद में 3 दिन का बंद रहने की जानकारी वायरल हुई। जिसके चलते लोगों में मुजफ्फरनगर में 3 दिन का बंद रहने की खबर तेजी के साथ शहर के बाद कस्बाई इलाकों से होती हुई गांव देहात तक फैल गई। इस मामले का संज्ञान लेते हुए एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने कहा कि प्रशासन के पास तीन दिवसीय बंदी लागू किये जाने कोई योजना नहीं है और ना ही इस संबंध में प्रशासन द्वारा कोई आदेश जारी किया गया है। हां कुछ व्यापारियों द्वारा स्वेच्छा से 3 दिन की बंदी लागू करने का निर्णय लिया गया है। वह दुकानदारों का अपना अधिकार है। यदि कोई कारोबारी अपनी इच्छा के अनुरूप अपनी दुकान या प्रतिष्ठान को बंद रखता है तो उसे इसका पूरा अधिकार है। प्रशासन किसी को भी अपनी दुकान बंद रखने से रोक नहीं सकता है।

उधर व्यापारियों द्वारा अचानक से तीन दिवसीय बंद की घोषणा किये जाने की बाबत माना जा रहा है कि शहर के बडे व्यापारियों द्वारा देश के अन्य राज्यों में लगाए जा रहे हैं लाॅकडाउन और कर्फ्यू को देखते हुए भारी मात्रा में दाल, चीनी, आटा, चावल, तेल, आदि आवश्यक वस्तुओं के अलावा बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला और गुटका आदि का स्टाक जमा कर लिया गया है। अब प्रदेश की योगी सरकार ने साफ तौर से कह दिया है कि उसकी राज्य में लॉकडाउन लगाने की कोई योजना नहीं है। सरकार की इस दो टूक घोषणा के बाद जमाखोरी कर भारी मुनाफा कमाने की फिराक में लगे व्यापारियों को जमा किए गए माल से घाटा होता हुआ लग रहा है। जिसके चलते कुछ व्यापारियों ने अपनी तरफ से 3 दिन की बंदी करने की घोषणा की है। वैसे जिस तरह के हालात व्यापारियों के हैं, उन परिस्थितियों में स्वेच्छा से घोषित की गई यह तीन दिवसीय बनती कामयाब होने के बजाय धड़ाम से जमीन पर गिरी हुई दिखाई देने के आसार बन रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि जनपद मुजफ्फरनगर में साप्ताहिक बंदी के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए गए हैं।

शहरी क्षेत्र में जहां मंगलवार को साप्ताहिक बंदी रहती है। वही नई मंडी इलाके में बंदी का अलग दिन निर्धारित है। आमतौर पर देखा गया है कि साप्ताहिक बंदी के दौरान भी अनेक व्यापारी श्रम नियम कानूनों को बलाये तांक पर रखकर अपनी दुकान को खोले बैठे रहते हैं। माना जा सकता है कि जो व्यापारी साप्ताहिक बंदी के नियम का पालन नहीं कर सकते, वह व्यापारियों द्वारा घोषित तीन दिवसीय बंदी को इस तरह पचा पाएंगे?



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