बदले की नहीं परिवर्तन की राजनीति करती है रालोद-सिद्दीकी
मीरापुर। राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी ने कहा है कि राष्ट्रीय लोकदल बदले की नहीं, बल्कि परिवर्तन की राजनीति करती है। किसान, नौजवान और कारोबारी ही देश को शक्तिशाली बनाते हैं। लेकिन भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारें इन्हें बर्बाद करने पर तुली हुई है।
जनपद मुजफ्फरनगर के मीरापुर विधानसभा का दौरा करने के लिए पहुंचे रालोद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी का जगह-जगह आमजनमासस द्वारा गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। लोगों ने उन्हें फूल मालाएं पहनाई और रालोद, जयंत चौधरी व शाहिद सिद्दीकी जिंदाबाद के नारे लगाने के साथ ही चौधरी चरण सिंह एवं चौधरी अजीत सिंह अमर रहे के नारों से आकाश को पूरी तरह से गुंजायमान कर दिया। अपने स्वागत से गदगद हुए रालोद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि रालोद सर्व समाज की पार्टी है। जिससे किसानों व नौजवानों के अलावा व्यापारी और मजदूर वर्ग के साथ अन्य सभी वर्गों के लोग तेजी के साथ जुड़ रहे हैं। रालोद समाज के हर तबके के लोगों की मदद के लिए तैयार रहता है और उनकी समस्याओं के निदान की बाबत सड़कों पर उतरते हुए संघर्ष करता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल बदले की राजनीति नहीं करती है बल्कि रालोद परिवर्तन की राजनीति में विश्वास रखती है। उन्होंने नौजवानों से आह्वान किया कि वह रालोद के सिद्धांतों और साहित्य को पढे और समाज व देश की मदद को आगे आये। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को वहां के किसान, नौजवान और कारोबारी ही शक्तिशाली बनाते हैं। मगर दुर्भाग्य से भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारें समाज की इस महत्वपूर्ण कड़ी को ही बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि हम लोगों को जागरूक करने के लिए हर शहर और गांव की गली कूचे तक जाएंगे और लोगों को परिवर्तन का संदेश पहुंचाएंगे। पूर्व राज्यसभा सांसद शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि केंद्र और राज्य में परिवर्तन लाए बगैर लोगों का भला नहीं होने वाला है क्योंकि केंद्र और राज्य की निरंकुश सरकार देश में रोजाना बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के निदान की बाबत नहीं बल्कि चुनाव जीतने की जुगत भिड़ाने में लगी हुई है। इसके लिए सभी को सचेत होकर रालोद के झंडे तले आना होगा। पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी का स्वागत करने वालों में रालोद पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के अलावा सभी समाज के लोग मुख्य रूप से शामिल रहे।