राजीव की राय - भाजपा को हराना है विपक्ष को करना होगा काम

राजीव की राय - भाजपा को हराना है विपक्ष को करना होगा काम

मुज़फ्फरनगर। वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक चिंतक राजीव प्रताप सैनी ने सोशल मीडिया पर विपक्ष के नेताओं को एक खुला पत्र लिखा है। जिसमे उन्होंने यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बूथ स्तर की तैयारी के मुकाबले विपक्ष की कमजोर रणनीति पर कटाक्ष किया है।


उन्होंने लिखा " आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को भारतीय जनता पार्टी धर्म युद्ध के रूप में लड़ रही है । उसने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। वहीं विपक्ष इस चुनाव को पिकनिक के तौर पर लड़ रहा है ।

अब जाकर अखिलेश यादव को चिंता हुई है कि भारतीय जनता पार्टी बूथ स्तर तक बाहर से आरएसएस के कार्यकर्ताओं को उतारकर किसी भी तरह यूपी के सिंहासन पर कब्जा करना चाहती है।

चलो यह बात अखिलेश यादव जी को बहुत देर में समझ आयी। हम तो बहुत दिनों से कह रहे हैं कि विपक्ष पिकनिक मना रहा है । वह चुनाव को गंभीरता से ले ही नहीं रहा है। बहुजन समाज पार्टी ने मान लिया है कि वह दलित वोटरों के साथ यदि ब्राह्मण मिल गया, तो सत्ता पर काबिज हो जाएगी ।

अखिलेश यादव जी मान बैठे हैं कि यादवो के साथ मुसलमान मिल ही रहा है तो फिर और लोगो की जरूरत कहां है? राष्ट्रीय लोकदल जाटों तक केंद्रित है और भारतीय जनता पार्टी पिछड़े, अगड़े समेत 30 बिरादरियों को अपने साथ समेटे हुए है ।

अगर अखिलेश यादव जी को यह चिंता सता रही है कि भारतीय जनता पार्टी दूसरे प्रदेशों से आरएसएस के कार्यकर्ताओं को बुलाकर एक- एक बूथ की जिम्मेदारी दे रही है ,तो भला इसमें कोई कैसे बंदिश लगा सकता है । ऐसा प्रयोग करके वह बंगाल मेंअपनी ताकत बढ़ा चुकी है ।

विपक्षी पार्टियों को अपना कर्म तो खुद करना पड़ेगा। विपक्ष के नेता अपने बंगलों में बैठे हैं ,चाटुकार और टिकट मांगने वाले नेताओं की भीड़ रोज विपक्ष के नेताओं को जाकर अगला मुख्यमंत्री बता रही हैं। इसी भ्रम में सारा विपक्ष जी रहा है । कोई खुद को मुख्यमंत्री मान बैठा है तो कोई उपमुख्यमंत्री।

किसी को लगता है कि भाजपा की सरकार नहीं बनेगी तो वह उसे मुख्यमंत्री बनवा देगा। कान खोल कर सुन लीजिएगा भारतीय जनता पार्टी 24 घंटे काम करने वाली पार्टी है और विपक्ष चुनाव से 24 घंटे पहले काम करने वाला, तो बताइए दोनों का मुकाबला कैसे हो सकता है ?

भारतीय जनता पार्टी ने एक एक विधानसभा सीट पर तीन विस्तारक नियुक्त किये है । वे अगले 6 महीने तक हर गांव में जाएंगे। कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे यानी एक गांव में अगर टिकट मांगने वालों को भी छोड़ दें तो भारतीय जनता पार्टी के तीन विस्तारक एक एक बार दौरा कर चुके होंगे। अन्य संगठन के लोग जिनमें विभिन्न प्रकोष्ठ और मोर्चों के पदाधिकारी हैं, वे भी लगातार कार्यक्रम कर रहे हैं तो इसका मतलब भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और गांव मोहल्ले को लगातार दुह रही है ।

विपक्ष के नेता अपने बंगलों में बैठे हैं। रोज टिकट मांगने वाले गुलदस्ते और मिठाई के डिब्बे लेकर जाते हैं। नेताओं के साथ फोटो खिंचवाते हैं उन्हें बता देते हैं कि साहब आप की आंधी चल रही है। सरकार आ रही है 2022 में । हाथी भी झूमता हुआ आ रहा है, साइकिल भी पूरी रफ्तार में है और हाथ का पंजा तो पूछो मत पूरी क्रांति लाने वाला है।

इसी भ्रम जाल में पूरा विपक्ष उत्तर प्रदेश में आनंद के हिलोरे ले रहा है। कोई विपक्ष से पूछे आप चिंता में पतले हुए जा रहे हैं, आप कर क्या रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 1 महीने में अपने 1000 नेताओं को नियुक्ति पत्र थमा कर उर्जित कर दिया है । उन्हें काम पर लगा दिया है, आपको किसने रोका है ?

भाजपा में तो 50 नेता हैं जिन्हें सलाह मशवरा करके नियुक्ति करनी होती है। आपको तो किसी से सलाह भी नहीं करनी है। आपको किसने रोका कि अपने मोर्चों में अपने प्रकोष्ठ नई नियुक्तियां ना करें और आप घर से बाहर ना निकले।

बसपा दलितों से बाहर नहीं निकलना चाहती ,समाजवादी पार्टी यादव और मुस्लिम से बाहर नहीं निकलना चाहती, कांग्रेस के पास तो कुछ बचा ही नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट रालोद किसान यूनियन और भाजपा के बीच बटा हुआ है, विपक्ष एक कार्यक्रम करके एक महीना आराम कर अपनी थकावट उतारता है । भारतीय जनता पार्टी के अगले 180 दिन के कार्यक्रम तय हैं । हर दिन क्या कार्यक्रम होना है ,किस कार्यकर्ता से क्या काम लेना है, किस नेता को क्या जिम्मेदारी है, यह सब कुछ है । अब अगर विपक्ष सिर्फ यह सोच रहा है इस बार आशीर्वाद से बच्चे पैदा हो जाए तो बहुत मुश्किल है ।

भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जो स्वत स्फूर्त गुस्सा है, आपको उसे 4 गुना बढ़ाना होगा ।उन लोगों के मानस को टटोलना होगा जो भारतीय जनता पार्टी से गुस्सा किए बैठे हैं यदि आप उनके पास नहीं जाओगे तो मतदान के दिन वह मतदाता भारतीय जनता पार्टी को 20 गालियां देकर अपनी भड़ास निकाल लेगा और आखिर में उसी को वोट देगा।

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