निलंबन के बाद लाइसेंसी शस्त्र जमा कराने को बहाना पड़ा पुलिस को पसीना
खतौली। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे द्वारा किसान आन्दोलन के चलते लाइसेंस निलम्बित किये जाने के बाद भाकियू नेताओं के शस्त्र जमा कराने के लिये रतनपुरी पुलिस को बृहस्पतिवार को भारी मशक्कत करनी पड़ी। काफी जददोजहद और दौड धूप के बाद भाकियू नेताओं के लाइसेंसी शस्त्र जमा होने के बाद ही रतनपुरी पुलिस ने राहत की सांस ली।
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे द्वारा राजधानी दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ चलाये जा रहे किसान आन्दोलन के चलते भाकियू नेता रतनपुरी प्रधान जोगेन्द्र सिंह व परवेन्द्र सिंह के शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिये गये है। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे द्वारा लाइसेंस निलंबित किये जाने के बाद थाना रतनपुरी पुलिस ने भाकियू नेताओं पर थाने में पिस्टल जमा कराने का दबाव बढ़ा दिया। बताया गया कि भाकियू नेताओं द्वारा थाने में अपने लाइसेंसी पिस्टल जमा कराने में आनाकानी करने के बाद रतनपुरी पुलिस को दबाव और बढाना पड़ा। जिसके बाद दोनों भाकियू नेता थाने के बजाये खतौली के एक शस्त्र भण्डार में अपने लाइसेंसी पिस्टल जमा कराने के लिये राजी हो गये।
बताया गया है कि बृहस्पतिवार की प्रातः दोनों भाकियू नेताओं के लाइसेंसी पिस्टल शस्त्र भण्डार के लाइसेंसी द्वारा अपने यहां जमा करने में आनाकानी किये जाने की बात का पता चलते ही रतनपुरी प्रभारी निरीक्षक विध्यांचल तिवारी खतौली पहुंच गये। जिसके बाद शस्त्र भण्डार लाइसेंसी ने भाकियू नेताओं के पिस्टल अपने यहां जमा करने की हामी भरी। बताया गया कि बैंक में चालान जमा कराकर पिस्टलों को शस्त्र भण्डार में जमा कराने में भाकियू नेताओं को सुबह से शाम हो गयी। इस दौरान रतनपुरी पुलिस गांव से बैंक व बैंक से शस्त्र भण्डार पहुंचने तक दोनों भाकियू नेताओं के पीछे-पीछे लगी रही। भाकियू नेताओं के लाइसेंसी पिस्टल शस्त्र भण्डार में जमा होने की तस्दीक होने के बाद राहत की सांस लेकर रतनपुरी पुलिस वापस लौटी। दूसरी ओर रतनपुरी प्रधान भाकियू नेता जोगेन्द्र सिंह ने जिलाधिकारी द्वारा लाइसेंस निलंबित किये जाने के बाद अपील करने पर मंडलायुक्त द्वारा लाइसेंस बहाल होने का दावा किया है।