दशहरे पर नहीं 16 अक्टूबर को जलेंगे मोदी शाह के पुतले
मुजफ्फरनगर। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दशहरे के बजाय अब 16 अक्टूबर को मोदी एवं शाह के पुतले जलाए जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन की ओर से इस संबंध में किसानों से अपनी पूरी तैयारी रखने की अपील की गई है।
बृहस्पतिवार को भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिला अध्यक्ष धीरज लाटियान ने बताया है कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के पिता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की ओर से इस मामले को लेकर अभी तक अपना इस्तीफा नहीं दिया गया है। इसके अलावा सरकार की ओर से भी आरोपी के पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की अभी मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी नहीं की गई है। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दशहरे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य नेताओं के पुतले जलाए जाने का निर्णय लिया गया था। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अब निर्धारित किए गए नए कार्यक्रम के तहत दशहरे के बजाय अब 16 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में मोदी एवं शाह के पुतले जलाए जाएंगे। दरअसल कुछ स्थानों से धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचने से जुड़े बयान आ रहे थे। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से यह फैसला लिया गया है। भारतीय किसान यूनियन ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल से बृहस्पतिवार की दोपहर ट्वीट करते हुए कार्यक्रम में बदलाव किए जाने की जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि 12 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हिंसी की घटना में मारे गये किसानों की अंतिम अरदास हुई थी। यहां संयुक्त किसान मोर्चा ने चार कार्यक्रमों का ऐलान किया था। इसमें एक कार्यक्रम 15 अक्टूबर को किसान विरोधी नेताओं के पुतले दहन करने का भी था। तय हुआ था कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अजय मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर, योगी आदित्यनाथ, मनोहरलाल खट्टर आदि नेताओं के पुतले दहन किए जाएंगे। इसे दशहरा उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।