किसान पंचायतः PM के दो हवाई जहाजों की कीमत किसानों के कुल भुगतान से ज्यादा- प्रियंका

किसान पंचायतः PM के दो हवाई जहाजों की कीमत किसानों के कुल भुगतान से ज्यादा- प्रियंका

मुजफ्फरनगर। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि जितना देश के किसानों का कुल भुगतान है, उससे ज्यादा प्रधानमंत्री के दो हवाई जहाजों की कीमत है। उन्होंने कहा कि जो किसान बिल किसानों पर थोपे जा रहे हैं, वह सिर्फ और सिर्फ पीएम के पूंजीपति दो मित्रों को लाभ देने के लिए हैं।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि हर नेता को यह अहसास होना चाहिए कि सबसे बड़ा अहसान उस पर जनता करती है। आप यहां पर मुझे सुनने के लिए आये हैं, इसके लिए मैं आपकी अहसानमंद हूं। उन्होंने कहा कि आज देश की जो स्थिति है, वह किसी से छिपी नहीं है। आज एक ऐसा समय है, जब 90 दिनों से किसान आंदोलन कर रहा है। 215 किसान शहीद हो चुके हैं। बिजली काटी गई, पानी रोका गया, उन्हें मारा-पीटा गया, जबकि किसान शांति से बैठे थे। देश की राजधानी को ही सीमा बना दिया गया जैसे कि वह देश की सीमा हो। किसानों को प्रताड़ित किया गया। जो किसान अपने बेटे को देश की रखवाली करने के लिए भेजता है, उसे जलील किया गया। देशद्रोही कहा गया। आतंकवादी कहा गया। प्रधानमंत्री ने किसानों को परजीवी कहा, आंदोलनजीवी कहा। किसानों का मजाक उड़ाया।

प्रियंका गांधी ने कहा कि इंसान की तरह ही देश का भी हृदय होता है। उसके धड़कने से देश जीवित रहता है। हमारे देश का हृदय किसान हैं, जो जमीन से जुड़ा है, जो जमीन को सींचता है, उसे उपजाऊ बनाता है। देश को जीवित करता है। उन्होंने राकेश टिकैत का जिक्र करते हुए कहा कि जब चौधरी टिकैत की आंखों में आंसू आते हैं, तो हमारे प्रधानमंत्री के होठों पर मुस्कुराहट आती है, मजाक सूजता है। उन्होंने कहा कि किसानों के घर से लूट हो रही है और प्रधानमंत्री के दो पूंजीपति मित्रों को पूरी छूट दी गई है। प्रधानमंत्री ने हर चुनाव में जनता के बीच आकर यह वायदा किया था कि गन्ने का भुगतान आपको दिया जायेगा, क्या दिया गया? उन्होंने कहा था कि किसानों की आमदनी दुगुनी होगी, मैं पूछती हूं कि क्या आमदनी दुगुनी हुई। सभी ने जोरदार आवाज में उत्तर दिया कि नहीं।

उन्होंने कहा कि पूरे देशभर में गन्ने का भुगतान 15 हजार करोड़ है। प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दुनिया में भ्रमण करने के लिए दो हवाई जहाज खरीदे हैं, जिनकी कीमत 16 हजार करोड़ रुपये है, जो कि किसानों के गन्ने भुगतान से कहीं ज्यादा है। हवाईजहाज खरीदने के लिए पैसे हैं, लेकिन देश के किसानों के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों से गन्ने का दाम नहीं बढ़ा है। वहीं दूसरी ओर संसद भवन तथा इंडिया गेट के आसपास की इमारतों के सौन्दर्यीकरण के लिए 20 हजार करोड़ की योजना बनाई जा रही है। सौन्दर्यीकरण के लिए पैसे हैं, लेकिन किसानों के लिए नहीं हैं।

प्रियंका गांधी ने कहा कि वर्ष 2018 में डीजल 60 रुपये था, आज कहीं 80 है, तो कहीं 90 है। उन्होंने कहा कि डीएपी 2018 में 1100 था, आज 1200 रुपये है। बिजली के दाम बढ़ते जा रहे हैं। गैस सिलेंडरों की कीमतें बढ़ती जा रही है। गन्ने का दाम नहीं मिल रहा है। उन्होंने जनता को बताया कि सरकार ने पिछले साल डीजल पर टैक्स लगाकर साढ़े तीन लाख करोड़ कमाये हैं, वह पैसा कहां गया। 2014 से अब तक डीजल और पेट्रोल पर टैक्स बढ़ाकर अब तक 21 लाख 50 हजार करोड़ कमाये गये हैं, वह पैसा कहां गया। उन्होंने कहा कि जिनका उस पैसे पर हक है, जो दिन-रात काम करता है, अपने खून-पसीने से सींचता है, उसे वह पैसा क्यों नहीं दिया गया। नौजवानों को क्यों नहीं दिया गया।

दिल्ली का बाॅर्डर नरेन्द्र मोदी जी के घर से कितना दूर है, लगभग पांच-छह किलोमीटर दूर होगा। और वहीं प्रधानमंत्री जो अमेरिका जा सकते थे, पाकिस्तान जा सकते थे, चीन जा सकते थे, जिन्होंने पूरी दुनिया में भ्रमण किया, वो उन किसानों के पास नहीं पहुंच पाये। वो किसानों के आंसू नहीं पोंछ पाये। उनकी बात नहीं सुन पाये। क्यों,। क्योंकि उनकी राजनीति सिर्फ अपने लिए है, और खरबपति पूंजीपतियों के लिए है। आज पूरा देश तड़फ रहा है, किसान तड़फ रहा है, लेकिन भुगतान नहीं हो रहा है। इसी साल में खरबपति मित्रों ने कितना पैसा कमाया, तो आप चौक जायेंगे। उन्होंने हजारों करोड़ कमाया है और किसान सड़क पर बैठे हुए आंदोलन कर रहे हैं। फिर भी कोई सुनने को तैयार नहीं। जो तीन कानून निकाले हैं, उनका नुकसान तो सभी को मालूम है। प्राईवेट मंडियां लगेंगी, सरकारी मंडी में जो टैक्स लिया जाता है, वह प्राईवेट मंडियों में नहीं लिया जायेगा। आहिस्ता-आहिस्ता सभी सरकारी मंडियां बंद हो जायेंगी और सब जानते हैं कि सरकारी मंडियों की खासियत यह है कि आपको न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता है। कहीं से भी कोई आपको नहीं कह सकता कि आपको कम दाम दे। प्राईवेट मंडियों के खुलने से और उनको मजबूत बनाने से क्या होगा। बड़े-बड़े खरबपतियों की मनमानी होगी, जो दाम देना चाहेंगे वे देंगे। जब खरीदना चाहते हैं, तब खरीदेंगे। जब बेचना चाहते हैं, तभी बेचेंगे।

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