SSP का महिला पुलिसकर्मियों को तोहफा- दिया शानदार बैरक

SSP का महिला पुलिसकर्मियों को तोहफा- दिया शानदार बैरक

मुजफ्फरनगर। कानून व्यवस्था और क्राईम को आईपीएस अभिषेक यादव अपने सख्त अंदाज से कंट्रोल कर रहे हैं, तो वहीं वे पुलिस के लिए सहज और सरल पुलिस कप्तान साबित हो रहे हैं। एसएसपी के रूप में अभिषेक यादव ने जहां जनसरोकारों से खुद को जोड़कर गजब की सोशल पुलिसिंग की है, वहीं उन्होंने पुलिसकर्मियों को फोर्स के रूप में एक इंसान होने का अधिकार देने का काम भी करके दिखाया है। पुलिस कर्मियों की सेहत के लिए चिंतित रहते हुए वह देश का पहला पुलिस कैफे खोलने में सफल रहे, तो जिम का कायाकल्प कर उन्होंने प्रशंसा बटोरी। अब वह पुलिस कर्मियों के रहन-सहन के लिए एक नया माॅडल लाकर मुजफ्फरनगर को यूपी में अव्वल बनाने में सफल हुए हैं।



वर्ष 2012 बैच के आईपीएस अभिषेक यादव ने मुजफ्फरनगर पुलिस को जहां अपराध उन्मूलन के लिए अपराधियों के सामने दृढ़ता से डटकर माकूल जवाब देने का हौंसला दिया, वहीं उन्होंने उनको सामाजिक स्तर पर एक बेहतर जीवन जीने के लिए अनेक सुख-सुविधा मुहैया कराने में ऐतिहासिक स्तर पर काम किया है। वह मुजफ्फरनगर में क्राइम कंट्रोल करने में जितने सफल दिखाई देते हैं, उतने ही सफलता उन्होंने सामाजिक सरोकारों को निभाने में पाई है। मुजफ्फरनगर में चार्ज संभालने के साथ ही सबसे पहली चुनौती उनको सामाजिक पैमाने पर खरा उतरने के लिए कांवड यात्रा के रूप में मिली थी। 2019 की उनके कार्यकाल की यह कांवड यात्रा कई उपलब्धियों के साथ सामाजिक सद्भाव का अनूठा संगम बनकर सम्पन्न हुई। उन्होंने हर कदम पर सोशल पुलिसिंग पर जोर दिया। आईपीएस अभिषेक यादव मुजफ्फरनगर में अपने अभियान के लिए एक अलग पहचान बनाने में सफल रहे हैं। पुलिस विभाग की नीरसता और मायूसी को खत्म करने के लिए उन्होंने कई बड़े अभियान चलाये। इनमें पुलिस कर्मियों का थानों और चैकियों में बर्थडे मनाने का अभियान ऐतिहासिक रहा है। पुलिस कप्तान अभिषेक यादव खुद भी पुलिस कर्मियों के जन्म दिवस की पार्टियों में शामिल हुए और कप्तान के मुख से हैप्पी बर्थडे सुनकर पुलिस फोर्स के बीच उत्साह का संचार हुआ। इसके साथ ही उनका वीकली ऑफ अभियान के तहत पुलिस कर्मियों को कार्य के बोझ से निजात दिलाकर उनके परिवार के नजदीक लाये। इन अभियानों के सहारे वह पुलिस फोर्स का मनोबल बढ़ाने के साथ ही उनके बीच पनप रहे तनाव को दूर करने में कामयाब हुए।

इसी बीच जब कोरोना वायरस संक्रमण में लाॅकडाउन की पाबंदी को लेकर पुलिस पर शांति व्यवस्था बनाने की बड़ी ड्यूटी आई तो संक्रमण के खतरे के बीच ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों के लिए एसएसपी अभिषेक यादव ने एक बार फिर से अभिभावक की भूमिका निभाते हुए उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए गंभीर कदम उठाये। पुलिस कर्मियों के लिए फेस शील्ड और फेस मास्क से लेकर अल्ट्रावाइलट बाॅक्स का बंदोबस्त किया गया तो प्रत्येक थाने में पुलिस कर्मियों की वर्दी धुलाई के लिए वाशिंग मशीनों की व्यवस्था कराई गयी। शुद्ध और शीतल पेयजल उपलब्ध कराने के लिए फ्रीज दिये गये। ड्यूटी पर डटे पुलिस कर्मियों के बीच लगातार पहुंचकर उनका मनोबल बढ़ाया और प्रोत्साहित किया। पुलिस विभाग में कप्तानों की कार्यशैली की बात की जाये तो अधिकतर अफसर कानून व्यवस्था और क्राइम कंट्रोल को शीर्ष प्राथमिकता में रखते हुए अपने ही पुलिस बल पर शिकंजा कसने में जुटे रहते हैं, लेकिन मुजफ्फरनगर में कानून व्यवस्था को लगातार मजबूती देने वाले कप्तान अभिषेक यादव का अंदाज ही जुदा है। पब्लिक को बेहतर पुलिसिंग देने में सफल रहे एसएसपी अभिषेक यादव ने पुलिस कर्मियों के लिए भी हर स्तर पर बेहतर व्यवस्था देने का काम करके दिखाया है, उन्होंने जो काम किये हैं वह पूरी तरह से पुलिस हितों को समर्पित रहे हैं। पुलिस की सेहत, उनके रहन-सहन, से लेकर उनके पारिवारिक मसलों तक एसएसपी अभिषेक यादव ने खुद को एक कप्तान से ज्यादा खाकी में इंसान के रूप में प्रस्तुत करते हुए प्रशंसनीय कार्य किया है।


एसएसपी अभिषेक यादव ने पुलिस कर्मियों को शुद्ध और पौष्टिक खानपान की आदत डालने के लिए रिजर्व पुलिस लाइन में पुलिस कैफे शुरू कराया। यह पुलिस कैफे अपने मैन्यु, रख रखाव और व्यवस्था के लिए यूपी ही नहीं देश का पहला कैफे बना हुआ है। इसके साथ ही सेहत के पैमाने पर पुलिस फोर्स को फिट बनाने के लिए उन्होंने पुलिस लाइन में ही बने जिम का कायाकल्प किया और आज पुलिस कर्मियों में इस जिम के सहारे फिटनेस फ्रीक बनने की एक होड़ लगी हुई है। इन नई व्यवस्थाओं की शुरूआत के लिए एसएसपी अभिषेक यादव ने एक मैनेजमेंट गुरू की भूमिका भी निभाई है। पुलिस कैफे हो या आधुनिक जिम, इनके लिए कोई भी अतिरिक्त बजट या मोटा खर्च नहीं किया गया है। पुलिस कैफे मात्र दो लाख रुपये में शुरू करा दिया गया तो जिम को आधुनिक बनाने के लिए जिम के सदस्यों से होने वाली आय को ही मुख्य तौर पर संसाधन बनाकर वहां पर साधन जुटाने में वह सफल रहे हैं। एसएसपी अभिषेक यादव अब रिजर्व पुलिस लाइन में अपने नये माॅडल 'आदर्श बैरिक' के लिए प्रशंसा के पात्र बने हुए हैं। एसएसपी के साथ जब पुलिस कर्मियों ने इस बैरिक का निरीक्षण किया तो वह भी चैंक गये। अभी तक बदहाल व्यवस्था की पहचान बने इस बैरिक का पूरी तरह से कायाकल्प कर लिया गया था। इस बैरिक में अब अव्यवस्था एक नई व्यवस्था में बदली दिखाई दे रही है। यह पूरी तरह से एक विशेष स्टार रेटिंग वाले होटल की तरह नजर आ रहा था। पूरी तरह से व्हाइट वाॅश के बीच यहां बैड से लेकर खिड़की के पर्दे तक और अलमारियों से लेकर मनोरंजन तक के साधन बदल दिये गये थे। इस आदर्श बैरिक को परिवहन शाखा के नवीनीकरण के रूप में एक माॅडल योजना के रूप में पेश किया गया। इसका उद्घाटन कराने के लिए जैसे ही एसएसपी अभिषेक यादव की ओर फूलों से सजी थाली में रखी कैंची को बढ़ाया गया तो उन्होंने यहां भी एक अभिभावक बनकर खुद को पीछे कर सिपाही को उद्घाटन करने के लिए आगे बढ़ा दिया। उनके इस माॅडल आदर्श बैरिक का उद्घाटन मुख्य आरक्षी रामबीर सिंह द्वारा किया गया था, जिन्होंने वर्ष 1980 में उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में अपनी सेवा आरक्षी के पद से प्रारम्भ की तथा 41 वर्ष उत्तर प्रदेश पुलिस में रहते हुए देश की सेवा के कार्य को जारी रखे हुए हैं।

वहीं आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश की पहली महिला बैरक का मुजफ्फरनगर में उद्घाटन किया गया। सोमवार को जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने विधिवत फीता काटकर आदर्श बैरक का उद्घाटन किया। महिला आरक्षी व मुख्य आरक्षीगण को महिला दिवस का तोहफा देते हुए महिला थाने में बनी मौजूदा बैरक व्यवस्था में सुधार लाते हुए जनपद मुख्यालय पर एक मॉडल आदर्श बैरक तैयार की गई हैं। बैरक के निर्माण में प्रयास किया गया है कि महिला पुलिसकर्मियों को एक साफ-सुंदर एवं मूलभूत सुविधाओं से युक्त आदर्श बैरक मिल सके। महिला थाने में महिला आरक्षियों के लिए तैयार की गई आदर्श बैरक में प्रत्येक महिला पुलिसकर्मी के लिए डबल स्टोरेज, बेड साइड और अलमीरा की व्यवस्था की गई है। महिला आरक्षी अपना सामान सुरक्षा के साथ रख सके इसके लिए व्यक्तिगत सेफ भी बैरक में लगाई गई हैं। लाइट के लिए बेड की साइड में स्विच दिया गया है, जिससे महिला आरक्षी अपने बेड के ऊपर से ही बिजली का स्विच ऑन-ऑफ कर सकें। व्यक्तिगत चार्जिंग पॉइंट की की व्यवस्था की गई है। जिससे महिला आरक्षी अपना मोबाइल फोन आसानी के साथ चार्ज कर सके। कपड़े टांगने के लिए हेंगर युक्त अलमारी बैरक में लगाई गई है। महिला आरक्षियों के तैयार होने के लिए ड्रेसिंग टेबल का भी बैरक में इंतजाम किया गया है। कमरे के साथ वॉशरूम की भी बैरिक में व्यवस्था की गई है। रूम हीटर के साथ मनोरंजन के लिए बैरक में टीवी भी लगाए गए हैं। बैरक का उद्घाटन करने के बाद जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे और एसएसपी अभिषेक यादव ने निरीक्षण कर महिला आरक्षियों के लिए बैरक में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं को देखा।

इस अवसर पर एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि पूर्व में पुरूष बैरक बनाया गया था। आज महिला दिवस के अवसर पर महिला बैरक का पूरी तरह से मोर्डिनाईजेशन किया गया है। उन्होंने बताया कि जो मूलभूत सुविधाएं जो कि किसी भी होटल या बैरक में होनी चाहिए, जैसे कि बैड्स, स्टोरेज, वाॅश रूम, टीवी, लाईट्स, फेन्स आदि की व्यवस्थाएं महिला बैरक में की गई है। उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के लिए पहला बैरक है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे सभी थानों में इस तरह की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की ड्यूटी बहुत टफ होती है। महिला पुलिस कर्मी दिन-रात मेहनत करती है। ऐसे में हमने प्रयास किया है कि उन्हें मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सके। हम लोग लगातार यह प्रयास कर रहे हैं कि पुलिस कर्मियों को आराम मिल सके, उसे बेसिक सुविधाओं का लाभ मिल सके, क्योंकि पुलिस कर्मी का खाने, सोने का कोई भी वक्त नहीं होता है। इसलिए जब भी उसे टाईम मिले, तो उसे थोड़ा सुकून मिल सके, यही हमारा प्रयास है। मुख्यमंत्री के निर्देशन में सरकार की तरफ से इसके लिए फण्ड उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे हम ऐसी व्यवस्थाएं पुलिस कर्मियों को दे पा रहे हैं, जो कि मूलभूत सुविधाएं हैं। उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति के तहत जानसठ, बुढ़ाना, खतौली थाने में महिला थाने की रिपोर्टिंग चौकी बनाई जा रही है, ताकि महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।

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