दवा व्यापार में E Pharmacy लागू होने पर होगी बहुत बड़ी बेरोजगारी : सुभाष चौहान
मुजफ्फरनगर । अखिल भारतीय दवा व्यापार संगठन ए०आई०ओ०सी०डी० के नेतृत्व में 28 सितंबर 2018 को भी ई फार्मेसी के विरोध में जिला अध्यक्ष सुभाष चौहान के नेतृत्व में खुलकर विरोध किया गया था और पूर्णतया दवा मंडी को बंद कराया गया था।
ई फार्मेसी जैसी व्यवस्था किसी भी रूप में देश और जनता के हित में नहीं है यदि फार्मेसी को पूर्णतया छूट मिल गई तो देश का दवा व्यापार कॉरपोरेटर घरानों के हाथों में ही सिमट कर रह जाएगा इससे ना सिर्फ खुदरा दुकानदार तबाह हो जाएंगे बल्कि फार्मासिस्ट भी बेरोजगार हो जाएंगे। ई फार्मेसी में तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियां प्रवेश कर चुकी है। उन्होंने फार्मा सर्विस पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू कर दिया है । कई अन्य बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में आने को तैयार बैठी है , इस उद्योग में कदम रखने से खुदरा व्यापारी और थोक व्यापारी और फार्मासिस्ट, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की भी नौकरियां चली जाएंगी, इसलिए ई फार्मेसी का पूर्ण जोर विरोध किया जाएगा।
ई फार्मेसी प्लेटफार्म के वर्किंग मॉडल से देश के करीबन 10 लाख थोक एवं खुदरा व्यापारी का कारोबार बंद होने के कगार पर हो जाएगा और फार्मासिस्ट और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की नौकरियां चली जाएंगी। इस कारण से लाखों लोग बेरोजगारी के कगार पर होंगे, केंद्र सरकार को यह सोचना चाहिए यह रोजगार का वादा करते थे और विदेशी कंपनियों को ही ई फार्मेसी का अधिकार देकर करोड़ों लोगों को बेरोजगारी के मोड़ पर लाकर खड़ा कर देंगे । इसका हम पूर्णतया विरोध करते हैं, अगर केंद्र सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में समस्त दवा व्यापारी, मैडिकल रिप्रेजेंटेटिव, फार्मासिस्ट एवं दुकानों पर कार्यरत कर्मचारी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी स्वयं सरकार की होगी।