किसान महापंचायत- फसल का दाम आधा- पेट्रोल के कर दिए दुगने- दीपेन्द्र हुड्डा
मुजफ्फरनगर। पूर्व सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जहां पर जुल्म की कसरत होती है, वह निजाम आखिरी होता है। उन्होंने कहा कि आज देश में जुल्म की इंतहा हो रही है। धरती का भगवान कहा जाने वाला किसान आज आंदोलन की राह पर है और देश का हुक्मराह चैन की नींद सो रहा है।
न यह सुबह आखिरी है, न यह शाम आखिरी है
जुल्म की जहां हो कसरत, वह निजाम आखिरी है।
किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए पूर्व सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जुल्म की जो इंतहा देश के अंदर हो रही है, वह बर्दाश्त से बाहर है। हुक्मराह सो रहा है, किसान आंदोलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि नाइंसाफी देखिये कि कभी किसान को खालिस्तानी कहा जा रहा है, तो कभी आतंकवादी। अन्नदाता के हक की आवाज को दबाने के लिए सरकार उसकी बात को दूसरी ओर मोड़ देती है। गन्ने की फसल का दाम दुगना करने के लिए कहा गया था, लेकिन डीजल का दाम दुगना कर दिया। डीएपी का दाम दुगना कर दिया। फसल का दाम आधा कर दिया। एमएसपी पर कानूनी गारंटी नहीं देंगे, क्योंकि अपने मित्रों को फायदा पहुंचाना है। देश में चार साल में एक रुपये गन्ने पर बढ़ाने का काम नहीं किया। हजारों करोड़ मिलों पर बकाया है, लेकिन मन की बात में प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे किसानों की फसल का दाम दुगना करेंगे। प्रधानमंत्री जी, यह आपके वश में नहीं है।
उन्होंने कहा कि नरेश टिकैत ने किसानों को सम्बोधित करते हुए जो बात कही, वह मुझे याद आ गई कि अब भाई तय कर लो, भाजपा नेताओं के घरों पर जाकर उन पर इस्तीफे का दबाव बनाना शुरू कर दो, इसके बिना यह मानने वाले नहीं है। भाजपा के सांसद और विधायकों के घरों पर डेरा डालकर ऐलान करना पड़ेगा कि कृषि बिलों को वापिस लो और सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करो।