बिगड़ा सिस्टम हारी मानवता-अस्पताल के सामने तडपती महिला ने तोड़ा दम

बिगड़ा सिस्टम हारी मानवता-अस्पताल के सामने तडपती महिला ने तोड़ा दम

मुजफ्फरनगर। चिकित्सक को सामाजिक तौर पर भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के संकट की घड़ी में चिकित्सकों की अंतरात्मा पूरी तरह से जवाब दे चुकी है। इलाज के अभाव में कोविड-19 सेंटर के सामने एक महिला ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। लेकिन महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया।

दरअसल कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चारों तरफ अपने पांव पसारते हुए कहर ढा रही है। ऐसे हालातों के बीच चिकित्सक और अस्पताल ही लोगों को अपना सहारा दिखाई दे रहे है। लेकिन इलाज के लिये अस्पताल पहुंच रहे बीमारों को चिकित्सकों द्वारा भर्ती नहीं किया जा रहा है। बुधवार को मुजफ्फरनगर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र के हार्ट क्लिनिक के सामने स्थित अस्पताल के बाहर ऐसा नजारा सामने आया जहां मानवता बुरी तरह से तार तार होते हुए बिगडे सिस्टम के सामने कर्राहती हुई दिखाई दी।

हार्ट सेंटर को प्रशासन की ओर से कोविड-19 सेंटर बनाया गया है। बुधवार को गंभीर हालत में एक महिला के परिजन उसे बीमारी हालत में लेकर हार्ट सेंटर में पहुंचे। परिजनों ने चिकित्सकों को महिला को हुई परेशानी बताई,लेकिन अस्पताल के चिकित्सक महिला को भर्ती कर उसका इलाज करने को तैयार नहीं हुए। अस्पताल के सामने जमीन पर पड़ी महिला के परिजन घंटों तक चिकित्सकों के सामने भर्ती करने के लिए बार बार हाथ जोडकर विनती करते हुए गिड़गिड़ाते रहे। लेकिन किसी ने भी उनकी सुध नही ली। अंत में बिगड़े सिस्टम के सामने बुरी तरह से हारकर महिला ने वही तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।

इस मामले का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। ऐसी परिस्थितियों के बीच लोगों के जेहन में यह सवाल उभरकर आ रहा है कि जब सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। तो फिर महिला बिना इलाज के कोविड-19 सेंटर के सामने दम तोड़ने को क्यों मजबूर हुई? बहरहाल हार्ट सेंटर के सामने जो कुछ भी हुआ है उसने समूचे सिस्टम की पोल पट्टी खोल कर रख दी है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन की कारगुजारी ने मानवता को भी बुरी तरह से शर्मसार करके रख दिया है।



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