CM की बैठक में बेरुखी-खूब रोई चेयरपर्सन-त्यागपत्र से इंकार

CM की बैठक में बेरुखी-खूब रोई चेयरपर्सन-त्यागपत्र से इंकार

मुजफ्फरनगर। कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करने के लिए जिला मुख्यालय पर आये मुख्यमंत्री की बैठक में उपेक्षा को लेकर चेयरपर्सन के सब्र का बांध टूट गया। जिसके चलते उन्होंने फूट-फूटकर अपनी उपेक्षा को लेकर मीडिया के सामने अपना रोष जताया। इस दौरान उपेक्षा से आहत होकर उन्होंने त्यागपत्र देने से इंकार कर दिया और कहा कि मै पहले की तरह जनसेवा के काम में जुटी रहूंगी।

सोमवार को जनपद के दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कलेक्ट्रेट में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ हुई बैठक में पालिका चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को सुरक्षा में लगे अधिकारियों व पुलिसकर्मियों द्वारा एंट्री नहीं दी गई। चेयरपर्सन ने इसे लेकर कई जगह फोन भी मिलाएं। लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। सीएम की बैठक में एंट्री ना मिलने से आहत हुई चेयरपर्सन कलेक्ट्रेट में ही एक तरह से धरना देते हुए कुर्सी पर बैठ गई। काफी देर के बाद सीओ सिटी कुलदीप कुमार के हस्तक्षेप पर चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल को सीएम की बैठक में शामिल होने के लिए अंदर भेजा गया। चेयरपर्सन की उपेक्षा का सिलसिला यहीं पर ही खत्म नहीं हुआ। बल्कि बैठक में पहुंचने पर भी चेयरपर्सन को एक कोने में बैठा दिया गया।

सीएम की ब्रीफिंग खत्म होने के बाद अधिकारियों के साथ उनका अमला गांव रामपुर की तरफ पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक चला गया। बाद में मीडियाकर्मियों के सामने चेयरपर्सन ने अपनी उपेक्षा का रोना रोते हुए कहा कि मैं कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की वैश्विक महामारी के बीच पहली लहर की तरह की शहरवासियों की जान बचाने के लिए रात दिन अपनी जान को हथेली पर रखकर सड़कों पर रहते हुए काम कर रही हूं। लेकिन कुछ लोगों को मेरे यह काम करने का तरीका हजम नहीं हो रहा है। जिसके चलते गाहे-बगाहे मौके और बेमौके मेरी उपेक्षा करने की कोशिशें जारी हैं। मेरी इच्छा मुख्यमंत्री से बातचीत कर कोरोना संक्रमण की स्थिति में लोगों को कुछ राहत दिलाने के लिए सीएम को सलाह देने की थी। लेकिन एक तयशुदा रणनीति के तहत मुझे सीएम से मिलने से रोका गया। बैठक में हुई उपेक्षा के बाद मीडिया द्वारा उनसे भाजपा से त्यागपत्र देने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मैं ऐसी महिला नहीं हूं कि जो थोड़ी सी परेशानी देखकर अपने कर्तव्य से जरा भी अलग हो जाऊं। मैं लोगों की सेवा करने का काम लगातार जारी रखूंगी। मैं किसी के रहमों करम पर पालिका की चेयरमैन नहीं बनी हूं बल्कि मुझे जनता द्वारा चुनकर पालिका चेयरमैन की कुर्सी सौंपी गई है। मैं भाजपा में रहकर ही जनसेवा के काम को पहले की तरह आगे भी लगातार जारी रखूंगी। इस उपेक्षा से मेरा हौसला डिगा नहीं है। बल्कि इसमें पहले से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।

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