बरला की बेटी दीक्षा त्यागी बनी जज
मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद स्थित बरला गांव की बेटी दीक्षा त्यागी ने पीसीएस जे में 214वीं रैंक हासिल करके ने केवल अपने माता-पिता, बल्कि पूरे जनपद का नाम रोशन कर दिया है। हालांकि इस गांव के मूल निवासी अरूण त्यागी हरियाणा हाईकोर्ट में जज हैं, लेकिन न्याय विभाग में धमाकेदार एंट्री लेने वाली दीक्षा त्यागी पहली नारी शक्ति हैं।
पीसीएस जे में पहले ही प्रयास में 214वीं रैंक प्राप्त करने वाली दीक्षा त्यागी ने खोजी न्यूज को बताया कि उनके फूफा प्रमोद कुमार त्यागी जो न्याय विभाग में ही हैं और वर्तमान में अलीगढ़ में अपर जिला जज है हमेशा उनके आदर्श रहे हैं और उन्हीें से इंस्पायर होकर ही उन्होंने काफी पहले ही जूडिश्यरी में जाने का फैसला कर लिया था। दीक्षा त्यागी ने एक प्रश्न के जवाब में बताया कि उन्होंने जज बनने के अलावा कभी अन्य किसी के बारे में सोचा ही नहीं। उन्होंने बताया कि देर शाम 8.30 बजे जब उनके एक सीनियर साथी संजीव ने बताया कि उनकी पीसीएस जे में 214वीं रैंक आयी है, तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने बताया कि तब से ही उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और उनका मोबाइल लगातार बज रहा है।
दीक्षा त्यागी ने खोजी न्यूज की टीम को बताया कि जैसे कामयाब इंसान के पीछे एक औरत का हाथ होता है, उसी तरह से उनकी कामयाबी के पीछे भी उनकी माता रजनी त्यागी और बुआ पिंकी त्यागी का ही हाथ है। दीक्षा त्यागी ने बताया कि उनके पिता व फूफा ने उन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमेशा प्रेरित किया है। उन्होंने बताया कि वे अपने जीवन एक चींटी से भी प्रेरणा लेती हैं, लेकिन मैं अपने फूफा प्रमोद कुमार त्यागी से अधिक प्रेरित हुई हूं। दीक्षा त्यागी बताती हैं कि बाबा दुष्यंत त्यागी और सत्यप्रकाश त्यागी, ताऊ प्रेम प्रकाश त्यागी व प्रमेश कुमार त्यागी, चाचा अंकुर त्यागी, मामा अजय त्यागी, अक्षय त्यागी, मोनू त्यागी, बोबी त्यागी और सचिन त्यागी सहित फुफेर भाई अर्पित त्यागी व फुफेरी बहन वसुन्धरा ने उन्हंे सदा अपना लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता की है। इसके साथ ही उनकी बहन शताक्षी त्यागी व पारूल का उनकी सफलता में बहुत योगदान है।
बरला के किसान परिवार में पिता राजीव कुमार त्यागी व माता रजनी त्यागी की सुपुत्री के रूप में 8 मई 1994 को जन्मी दीक्षा त्यागी की प्रारम्भिक शिक्षा गांव में ही हुई, इसके बाद 15 वर्ष की आयु में वे अपनी बुआ के पास लखनऊ चली गयी और वहीं से उन्होंने 10वीं व 12वीं की परीक्षा उत्र्तीण करके अवर्ध गल्र्स डिग्री कालेज से स्नातक की परीक्षा पास की। इसके बाद वे दिल्ली आ गयी और यहां दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने विधि में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। हालांकि दीक्षा त्यागी 15 वर्ष की आयु से लखनऊ और दिल्ली में रहकर अध्ययन करती रही हैं, लेकिन वे कहती हैं उन्हें अपने गांव से बहुत लगाव है और इसका सबूत है कि काफी समय से घर से दूर रहने के बावजूद उनकी भाषा में बदलाव नहीं आया है।
बता दें कि दीक्षा का मूल निवास स्थान गांव बरला जनपद मुख्यालय से 20 किमी की दूर दिल्ली-हरिद्वार मार्ग पर स्थित है और इस गांव का कुल क्षेत्रफल 755.39 हेक्टेयर है। 2011 के अनुसार बरला ग्राम की कुल जनसंख्या 9866 है और ग्राम साक्षरता दर 61 प्रतिशत के विपरीत महिला साक्षरता दर 26 प्रतिशत थी। बरला पश्चिम में देवबंद व चरथावल व दक्षिण में मोरना ब्लॉक से घिरा हुआ है। यह स्थान मुजफ्फरनगर और हरिद्वार जिले की सीमा में है।