ऐश्वर्य,वैभव में मनुष्य भूला प्रकृति का महत्व-जनसंख्या से पृथ्वी को नुकसान

ऐश्वर्य,वैभव में मनुष्य भूला प्रकृति का महत्व-जनसंख्या से पृथ्वी को नुकसान

मुजफ्फरनगर। सभी जीव जंतुओं और पक्षियों का हमारे जीवन में बहुत अधिक ही महत्त्व है। प्रकृति ने इनके रहने के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध की है। लेकिन मानव अपने ऐश्वर्य और वैभव में यह भूल गया है कि जिस प्रकृति ने उसके जीवन के लिए सब कुछ मुहैया कराया है, उसकी अहमियत समझना बेहद जरूरी है। लेकिन मनुष्य इस सुंदर प्रकृति और वातावरण के साथ क्या कर रहा है? केवल उसे गंदा और प्रदूषित कर रहा है और पृथ्वी के हर हिस्से में अपने पैर पसार रहा है।

मुनाफे के लिए जीव जंतुओं के आवास को उजाड़ कर मनुष्य आज ऊंची ऊंची इमारतें बना रहा है और तरह तरह की व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रहा है!कुछ दशक पहले तक वन क्षेत्रों में मनुष्य की गतिविधियां ज्यादा नहीं थीं परंतु मनुष्य के वैज्ञानिक अविष्कार तथा बढ़ती जनंसख्या के कारण पृथ्वी को बहुत हानि हुई है।

लगभग कुछ साल पहले तक पृथ्वी का बहूत हिस्सा खाली जंगल के रूप मे जीव जंतुओं का आवास हुआ करता था। वह अब घटकर अब काफी कम रह गया है! जिस कारण पशु पक्षियों को अपना आवास छोड़कर तमाम मुश्किलों और संकट का सामना करते हुए दूसरे जंगलों में जाना पड़ता है! फिर भी मनुष्य कुछ चीजों को देखकर अनदेखा कर रहा है।

वायु और ध्वनि प्रदूषण के कारण पक्षी आकाश में नहीं दिखाई देते है और वह शहरों को छोड़कर चले गए हैं। शहरों में केवल कबूतर और कौवे ही दिखाई देते है वो भी बहूत कम। गांव मे खेत खलिहान होने के कारण उन्हें पीने योग्य पानी और भोजन मिल जाता है, लेकिन अब गांव भी शहर का रूप धारण कर रहे हैं ! इसी कारण जीव जंतु या पशु-पक्षियों के लिये लगातार समस्या बढ़ती जा रही है! मनुष्य को अपने अस्तित्व को बचाने के लिए अपना कुछ समय निकाल कर जीव जंतुओं के लिए दाना पानी या रोटी रखनी चाहिए।

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