65 वर्ष के हुए बॉलीवुड के माचोमैन

65 वर्ष के हुए बॉलीवुड के माचोमैन

मुंबई। बॉलीवुड के माचोमैन सन्नी देओल आज 65 वर्ष के हो गये।

19 अक्टूबर 1956 को जन्में सन्नी देओल को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता धर्मेन्द्र हिंदी फिल्मों के जाने माने अभिनेता थे। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण सन्नी अक्सर अपने पिता के साथ शूटिंग देखने जाया करते थे इस वजह से उनका भी रुझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे।सन्नी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई से पूरी की। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के मशहूर ओल्ड बेव थियेटर में अभिनय की शिक्षा पूरी की। सन्नी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत अपने पिता की निर्मित फिल्म 'बेताब' से की। वर्ष 1983 में राहुल रवैल के निर्देशन में युवा प्रेम कथा पर बनी यह फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।

फिल्म 'बेताब' की सफलता के बाद सन्नी को 'सोहनी महिवाल', 'मंजिल मंजिल', 'सन्नी', 'जबरदस्त' जैसी फिल्मों में काम करने का अवसर मिला लेकिन इनमें से कोई फिल्म टिकट खिड़की पर कामयाब नहीं हो सकी।वर्ष 1985 में सन्नी को एक बार फिर राहुल रवैल के निर्देशन में बनी फिल्म 'अर्जुन' में काम करने का अवसर मिला जो उनके सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में सन्नी ने एक ऐसे युवा की भूमिका निभाई जो राजनीति के दलदल में फंस जाता है। फिल्म की सफलता के साथ ही सन्नी देओल एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खोई हुई पहचान बनाने में कामयाब हो गए।

फिल्म अर्जुन की सफलता के बाद सन्नी देवोल की छवि एंग्री यंग मैन स्टार के रूप में बन गयी। इस फिल्म के बाद निर्माता निर्देशकों ने अधिकतर फिल्मों में सन्नी देओल की इसी छवि को भुनाया। इन फिल्मों में 'सल्तनत', 'डकैत', 'यतीम', 'इंतकाम', 'पाप की दुनिया' जैसी फिल्में शामिल हैं।वर्ष 1990 में प्रदर्शित फिल्म 'घायल' सन्नी के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए सन्नी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार के साथ ही राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म 'नरसिम्हा' सन्नी के सिने करियर की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। एन. चंद्रा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में सन्नी देओल का किरदार पूरी तरह ग्रे शेडस लिए हुए था। इसके बावजूद वह दर्शकों की सहानुभूति पाने में कामयाब हुए और अपने दमदार अभिनय से फिल्म को सुपरहिट बना दिया।

वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म 'दामिनी' सन्नी के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। यूं तो यह पूरी फिल्म अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्री के इर्द गिर्द घूमती है लेकिन सन्नी ने अपनी विशिष्ट संवाद अदायगी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किये गये।

वर्ष 1993 से वर्ष 1996 तक सन्नी देवोल के करियर के लिए बुरा वक्त साबित हुया। इस दौरान उनकी कई फिल्में टिकट खिड़की पर कामयाब नहीं हो सकी। वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म 'बॉर्डर' और 'जिद्धी' की कामयाबी के बाद सन्नी फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर अपनी खोई हुई पहचान पाने में कामयाब हो गए। 'बॉर्डर' में उन्होंने महावीर चक्र विजेता मेजर कुलदीप सिंह के किरदार में जान डाल दी थी।

वर्ष 1999 में सन्नी ने फिल्म 'दिल्लगी' के जरिये निर्माण और निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। वर्ष 2001 में प्रदर्शित फिल्म 'गदर एक प्रेम कथा' सन्नी देओल के सिने करियर की सर्वाधिक सुपरहिट साबित हुई। देश भक्ति के जज्बे से परिपूर्ण यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद की गयी। साथ ही ऑल टाइम सुपरहिट फिल्म में शुमार हो गयी।

सन्नी ने अपने सिने करियर में अब तक 100 फिल्मों में अभिनय किया है। सनी देओल गुरदासपुर संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे है। सन्नी आज भी उसी जोशोखरोशो के साथ फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय है। सन्नी की आने वाली फिल्मों में 'गदर 2' प्रमुख है। यह फिल्म सनी देओल और अमीष पटेल की सुपरहिट फिल्म 'गदरः एक प्रेम कथा' की सीक्वल है।


वार्ता

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