सतीश गोयल ने CM को भेजी चिठ्ठी- रीमा सिंघल के आरोप बेबुनियाद
मुजफ्फरनगर। जनपद के मशहूर बिजनेसमैन और समाजसेवी सतीश चंद गोयल पर एमजी पब्लिक स्कूल की फीस स्कूल मैनेजमेंट द्वारा मांगने को लेकर रीमा सिंघल के आरोपों के बाद सतीश चंद गोयल ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी भेजकर आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इसके साथ ही सतीश चंद गोयल ने इसकी प्रतिलिपि मुजफ्फरनगर के डीएम और एसएसपी को भी दी है।
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के प्रतिष्ठित एमजी पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट द्वारा सुरेंद्र सिंह उर्फ सिंधी बाबू की बेटी के बच्चे की फीस को लेकर हुए विवाद के बाद सिंधी बाबू की बेटी रीमा सिंघल ने सतीश चंद गोयल और स्कूल की प्रधानाचार्य पर स्कूल की टीसी नहीं देने का आरोप लगाते हुए आला अफसरों से शिकायत की थी । इसके जवाब में सतीश चंद गोयल ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक चिट्ठी भेजते हुए रीमा सिंघल के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
उन्होंने इस चिट्ठी की प्रतिलिपि मुजफ्फरनगर के डीएम और एसएसपी को भी भेजी है। मुख्यमंत्री को भेजें पत्र में सतीश चंद गोयल ने बताया कि महोदय इस संबंध में मैं आपको कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराना चाहता हूं जो कि आप की जांच में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने लिखा कि मैं एमजी चैरिटेबल ट्रस्ट का अध्यक्ष (जिसकी प्रबंध कारिणी समिति वर्तमान में कालातीत है) हूं तथा शिकायतकर्ता रीमा सिंघल के पिता सुरेंद्र सिंघल इस ट्रस्ट के उनकी मृत्यु तक सचिव रहे हैं। रीमा सिंघल का एक भाई हर्ष सिंघल है जो कि इसी के साथ द्वारकापुरी में रहता है। इसकी एक बहन रितु सिंघल है जो कि शादी के बाद लखनऊ रहती है।
सतीश चंद गोयल ने लिखा कि सुरेंद्र सिंघल जी के मृत्यु के उपरांत हर्ष सिंघल का मेरे साथ ट्रस्ट के संबंध में विवाद चल रहा है। उस विवाद के बावजूद भी हर्ष सिंघल के दोनों बच्चे एमजी पब्लिक स्कूल में बिना किसी डर के पढ़ रहे हैं तथा उनको या उनके माता-पिता को किसी भी प्रकार की असुरक्षा अथवा यह प्रतीत नहीं होता है, जबकि हर्ष सिंघल की बेटी राध्या सिंघल पर भी एमजी वर्ल्ड विजन की फीस जमा न करने के कारण स्कूल से विवाद है।
उन्होंने लिखा कि श्रीमती रीमा सिंघल जिनका कि मेरे से किसी भी तरह का कोई भी विवाद नहीं है। यह अपनी वह अपने बेटे की जान को मेरे से खतरा बता रही है।
उन्होंने लिखा कि मैं आपको एक तथ्य से अवगत कराना चाहता हूं कि देव सिंघल, रीमा सिंघल का अपना बच्चा नहीं है। यह बच्चा श्री सुरेंद्र सिंघल द्वारा रीमा सिंघल की मर्जी के विरुद्ध गोद लिया गया था। जिसके साथ रीमा का कोई लगाव किसी तरह का नहीं है। जब तक सुरेंद्र सिंघल जी थे, तब तक स्कूल के द्वारा इस बच्चे को स्कूल के प्रत्येक कार्यक्रम में भाग लेने पर विशेष दर्जा प्रदान किया जाता था , परंतु स्कूल के किसी भी कार्यक्रम में सीमा सिंघल कभी भी उपस्थित नहीं रही और न ही इस बच्चे को किसी भी तरह से प्रोत्साहित किया। इससे भी यह स्पष्ट है कि रीमा सिंघल का इस बच्चे के साथ कोई लगाव कभी नहीं रहा।
सतीश चंद गोयल ने शिकायती पत्र में लिखा कि आपकी जानकारी में यह भी लाना है कि रीमा सिंघल व इसकी बहन भी रीतू सिंघल, दोनों बहनों का व्यवहार ठीक नहीं है तथा अब से कुछ वर्ष पूर्व भी यह दोनों बहने अपने शहर के ही कुछ स्वर्णकारों के यहां से लाखों रुपए का सामान उधार ले आई तथा उनके द्वारा पैसे मांगे जाने पर असामाजिक तत्वों को ले जाकर उनके साथ गाली गलौज व मारपीट भी की गई । जिससे कि उन स्वर्णकारों ने पैसा ही मांगना बंद कर दिया, यदि आप चाहेंगे तो मैं आपको उन स्वर्णकारों के नाम भी दे सकता हूं।
सतीश चंद गोयल ने इस लेटर में लिखा कि मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि रीमा अपने गोद लिए पुत्र देव सिंघल को कुछ बड़ा नुकसान पहुंचा कर उसका इल्जाम मुझ पर लगाना चाह रही है इसलिए वह इस तरह के कृत्य कर रही है। उन्होंने लिखा कि आपसे सविनय निवेदन यह है कि देव सिंघल का जल्द से जल्द मेडिकल कराकर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें तथा रीमा सिंघल को निर्देश दिया जाए कि उस बच्चे को किसी भी तरह का कोई नुकसान पहुंचाने की चेष्टा ना करें और मैं भी किसी भी तरह के कानूनी पचड़े से अपने आप को दूर रख सकूं।