मुजफ्फरनगर कैमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चौहान का इंटरव्यू
मुज़फ्फरनगर । शहर में मेडिकल व्यापारियों से जुडी संस्था डिस्ट्रिक मुज़फ़्फरमागर कैमिस्ट एसोसिएशन में चल रही खींचतान में जिला प्रशासन ने दोनों गुटों पर सोसायटी रजिस्ट्रार का फैसला आने तक रोक लगा दी है । अब मेडिकल व्यापारियों के हितों की लड़ाई लड़ने वाले एक अन्य संगठन मुजफ्फरनगर कैमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चौहान ने खोजी न्यूज़ से ख़ास बातचीत करते हुए मेडिकल व्यापारियों के हितों पर समस्याओं पर चर्चा की । आइये पढ़ते है, उनका इंटरव्यू
खोजी न्यूज़ -चौहान साहब आपकी संस्था का क्या उद्देश्य है , किस तरह से आप काम करते है ?
सुभाष चौहान- मै मुजफ्फरनगर कैमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का अध्यक्ष होने के नाते मै अपने केमिस्ट भाईयों को अवगत कराना चाहता हूं कि हमारी संस्था हमेशा से कैमिस्ट एसोसिएशन कैमिस्ट हित में कार्य करती है। दवाई व्यापारियों को आये-दिन सेल टैक्स में ड्रग्स विभाग में समस्याओं को सामना करना पडता है, अगर किसी दवाई व्यापारी को किसी भी तरह की कोई समस्या होती है तो उसका समाधान हम ड्रग्स इंस्पेक्टर से हम तुरंत कराते है।
खोजी न्यूज़ - मुज़फ्फरनगर में जिला केमिस्ट एसोसिएशन भी एक संस्था है , इसका आजकल कुछ विवाद चल रहा है उनके बीच में क्या विवाद है, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
सुभाष चौहान- उस संस्था से व्यक्तिगत मेरा कोई लेना-देना नही है । उस संस्था का विवाद यह है उसका एक नाम है और दो दावेदार है। जिला केमिस्ट एसोसिएशन के नाम से एक संस्था है , उसका एक तरफ दावा करते है नरेन्द्र चौधरी अध्यक्ष एवं महामंत्री संजय गुप्ता और दूसरा पक्ष है रविंद्र सिंह एवं महामंत्री अनुरूद्ध अग्रवाल। दोनों पक्षों का यह कहना है कि ये हमारी संस्था है। यही इनका विवाद है , यह विवाद आज से नही लगभग पिछले दस वर्षो से चला आ रहा है।
खोजी न्यूज़ - इनकी क्या मान्यता है, एसडीएम भी इसकी जांच कर रहे थे, क्या है इनका मामला ?
सुभाष चौहान- अभी मेरे भी संज्ञान में आया है और मुझे भी पता चला है कि इसकी शिकायत जिलाधिकारी महोदय से की गयी थी और उस संस्था की जिलाधिकारी ने जांच एसडीएम ऑफिस को दी थी तो एसडीएम ने डिस्ट्रिक मुज़फ़्फरमागर कैमिस्ट एसोसिएशन को विवादित मानते हुए सभी कार्यों पर रोक लगा दी है, क्योंकि दोनों नियमावत रूप से कोई प्रूफ्र नही दे पाये। संजय गुप्ता जी के नाम से रजिस्ट्रेशन है। संजय गुप्ता जी ने रजिस्ट्रेशन तो दिया है, पर प्रबंध समिति का शायद एप्रीवूल उनका नही हुआ है।
खोजी न्यूज़ - आपका संगठन किस संस्था से जुडा हुआ है?
सुभाष चौहान- मेरा संगठन ए.आई.ओ.सी.डी है । उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.एस. सिंधे है और महामंत्री राजीव सिंघल है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुधीर अग्रवाल जी है और उन्हीं के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में हमारी संस्था काम कर रही है और उस संगठन का मै मुजफ्फरनगर जिलाध्यक्ष हूं।
खोजी न्यूज़ -अक्सर खबरें आती है कि मैडिकल स्टोर पर नशे की दवाई बेची जाती है और पुलिस के छापे भी लगते है , तो क्या आपकी संस्था इस दिशा में कुछ कार्य कर रही है कि मैडिकल संचालक उस चीज से दूर रहे और उस नशे चीज को न बेचे?
सुभाष चौहान- मै तो हमेशा से ही नशा कारोबारियों के खिलाफ आवाज उठाता आया हूं , और कल भी मै डीएम महोदया से मिला। उन्होंने कहा कि यहां नशे का कारोबार हो रहा है तो मैने कहा कि मुजफ्फरनगर कैमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन नशीली दवा व्यपारियों को समर्थन ना तो कभी किया है और न ही कभी करेगी। इसका पुलिस को भी संज्ञान लेना चाहिए कि अगर पुलिस पकडती है किसी को तो उसका कनेक्सन कहां से है। मछली छोटी पकडी जा रही है , बडी नही पकडी जा रही है । हमारे व्यापारी 98 प्रतिशत साफ-सुथरा काम कर रहे है, सिर्फ 2 प्रतिशत नशीली दवाई बेचने वालो के कारण दवाई व्यापारी बदनाम हो रहे है। मै नही चाहूंगा हमारे व्यापारी उन 2 प्रतिशत व्यापारियों के कारण बदनाम हो। नशीली दवाई बेचने वालों के विरूद्ध कडी से कडी कार्यवाही होनी चाहिए।
खोजी न्यूज़ - आप कई बार इसकी आवाज उठा चुके है, कई बार आपने मंच पर कहा है कि हम नशे का व्यापार नही होने देंगे। इसको लेकर कभी आपको कोई धमकी या आपको दबाव में लेने की कोशिश की गयी हो?
सुभाष चौहान- पिछले महीने ही मुझे एक धमकी मिली थी। एक सीनियर पत्रकार ऋषिपाल जी है ,उनके सामने मुझे कुछ लोगों ने जान से मारने की धमकी दी थी ।उन्होंने मुझे उसको एफिडेविड भी दिया था कि चौहान साहब आप अभी युवा है । आपको कुछ नशा दवा कारोबारी जान से मारने की धमकी दे रहे है । मै आपको इसका प्रमाण देता हूं । मैने उनकी शिकायत डीजीपी महोदय को की है, उसकी जांच यहां के क्षेत्रधिकारी कर रहे है।
खोजी न्यूज़ - आप और क्या संदेश अपने ड्रगिस्ट एंव केमिस्ट साथियों को देना चाहेंगे, इस कारोबार में साफ-सुथरा काम करने के लिये किस तरह काम करे?
सुभाष चौहान- देखिये कुछ प्रदेश लेवल पर संस्थाएं इस टाईप की है, जैसे सी.डी.एफ यूपी के विशेष तौर पर, इसके महामंत्री सुरेश गुप्ता जी है । यह विवाद उन्होंने ही उत्पन्न कराया है । विवाद उत्पन्न ये इसलिये कराया है सुरेश गुप्ता जी का बेसिकली नेचर ऐसा है कि जैसे अपना वर्चस्व बनाने के लिये उसी पर हाथ रखते है जो इनकी आवाज को आवाज में बदल देता है। हां में हां करता है, बिल्कुल भी विरोध नही करता है, जैसे उनके कानपुर के महामंत्री है उनके पास ड्रग्स का कोई काम नही है बांदा के अध्यक्ष है उनका कोई काम नही है, दवाई से कोई लेना-देना नही है। उनको अध्यक्ष बना रखा है, पहले कभी रहा होगा मैडिकल स्टो,र आज तो मैडिकल स्टोर भी नही है । सुरेश गुप्ता जी को पिछली 12 जनवरी को बनारस में आल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन से भी उनको बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है , सस्पेंड है और इसका डिसीजन आने वाला है कि उनका जल्दी बाहर कर दिया जायेगा। मै सभी दवाई व्यापारियों से यह कहना चाहूंगा कि साफ-सुथरा काम करें । इसमें कोई राजनीति न करें नशे का कारोबार न करें। दवाई बिल से ही खरीदे और बिल से ही बेचें।