कोविड काल में मंडल में अनाथ हुए 420 बच्चों में से 237 को मिली अनुदान राशि

कोविड काल में मंडल में अनाथ हुए 420 बच्चों में से 237 को मिली अनुदान राशि

झांसी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत उत्तर प्रदेश के झांसी मंडल में खोजे गये 420 बच्चों में से 237 बच्चों को अनुदान राशि जारी कर दी गयी है।


कोविड काल में माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों की आर्थिक मदद के लिए शुरू की गयी योजना के मंडल में प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंडलायुक्त डॉ़ अजयशंकर पांडेय ने निर्देश दिये जिसके तहत 420 बच्चों की खोज की गयी, जिसमें 237 बच्चे झांसी जनपद में, 198 ललितपुर में और 45 बच्चे जालौन में खोजे गए है। इसमें 311 बच्चों की प्रोफ़ाइलिंग भी की जा चुकी है और 297 बच्चों के खातों में पैसा भेजा जा चुका है।

मंडलायुक्त ने निर्देश दिया है कि कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों की खोजा कर उन्हें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाया जा सके। ऐसे बच्चों की खोज में गंभीरता दिखाई जाए ताकि कोई भी अनाथ बच्चा योजना से वंचित न रह जाए। आयुक्त ने कहा कि कोविड से अनाथ हुए बच्चों को न सिर्फ योजना का लाभ पहुँचाया जाए बल्कि उन्हें भावनात्मक सहयोग भी जरूरी है।


उन्होंने निर्देश दिया कि कोविड में जिन लोगों की मौत हुई है, उनसे फोन के माध्यम से संपर्क कर अनाथ बच्चों की खोज की कार्रवाई करा ली जाए तथा पात्र लाभार्थियों को निर्धारित प्रारुप पर आवेदन संकलित करा लिए जाए।

वही महिला कल्याण विभाग, झांसी मंडल के उपनिदेशक श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा कि अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास हेतु संचालित उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ पहुंचाना मुख्यमंत्री जी के प्राथमिकता वाले बिंदुओं में शामिल है। लिहाजा इसे गंभीरता से लिया जाए।

योजना के लिए वह बच्चे पात्र माने जायेंगे जिनकी उम्र 0 से 18 के बीच है और जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी है, माता-पिता/ माता या पिता/ वैध अभिभावक/ आय अर्जित करने वाले अभिभावक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण के कारण एक मार्च, 2020 के बाद हो गयी हो,, जिनके परिवार की आय तीन लाख से अधिक न हो। पात्र बच्चों को योजना के तहत बाल देख-रेख संस्थाओं में आवास, 0 से 18 आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल हेतु 4000 रूपय प्रतिमाह, कस्तूरबा गांधी बालिका/ अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश, बालिकाओं को विवाह हेतु एक लाख एक हज़ार रूपये, उच्चतर माध्यमिक तथा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को लैपटाप/ टैबलेट और बच्चों की चल-अचल सम्पत्तियों की कानूनी सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जायेंगी।

वार्ता

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