सरकार के साथ नहीं बनी किसानों की बात-सचिवालय के घेराव का ऐलान
करनाल। बसताड़ा टोल प्लाजा पर नई कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के ऊपर लाठीचार्ज किए जाने के विरोध में आयोजित की गई किसान महापंचायत में किसान नेताओं की सरकार के साथ तीसरे दौर की वार्ता विफल हो गई है। अनाज मंडी में बनाए गए किसान महापंचायत के मंच से अब जिला सचिवालय के घेराव का ऐलान किया गया है। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने ऐलान किया है कि किसान पहले मार्च निकालेंगे और फिर जिला सचिवालय का घेराव करने पहुंचेंगे।
मंगलवार को करनाल की अनाज मंडी में विभिन्न किसान संगठनों की महापंचायत की समाप्ति को लेकर सरकार की ओर किसान नेताओं को बातचीत का बुलावा भेजा गया। प्रशासन के साथ तीसरे दौर की वार्ता करने के लिये पहुंचे किसानों के 11 सदस्यीय दल की मांगों के संबंध में बात नही बनी। जिसके चलते तीसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई। किसान नेताओं ने अनाज मंडी में महापंचायत के मंच पर जाने से पहले एक दुकान के भीतर मीटिंग की और उसमें जिला सचिवालय के घेराव का फैसला लिया। मंगलवार को करनाल में अनाज मंडी स्थल पर किसान महापंचायत का आयोजन किया गया है। जिसमें शामिल होने के लिए जनपद और आसपास के इलाकों के किसान भारी संख्या में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। किसान महापंचायत के मद्देनजर सरकार की ओर से सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं।
किसानों के साथ किसी भी तरह के टकराव को टालने के लिए सरकार की ओर से किसानों के साथ बातचीत की गई। दो दौर की वार्ताओं के विफल रहने के बाद तीसरे दौर की वार्ता के लिए किसानों को सरकार की ओर से बुलावा भेजा गया। लेकिन किसानों की मांग को मानने में सरकार के विफल रहने पर तीसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई। वार्ता के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और राकेश टिकैत समेत समिति के सभी 11 सदस्य उठकर कुछ देर के लिए बाहर आए थे। बाहर आकर किसान नेताओं ने कहा था कि जो हम सरकार से मांग रहे हैं वह प्रशासन नहीं दे रहा है और जो प्रशासन दे रहा है उसे हम स्वीकार नहीं कर रहे हैं। पहले दौर की वार्ता के बाद भी एक ब्रेक लिया गया था। दूसरे दौर की वार्ता के बाद भी जब किसानों की सरकार से बात नहीं बनी तो किसान नेता उठकर बाहर आ गए। हालांकि कुछ ही देर बाद प्रशासन ने किसान नेताओं को तीसरे दौर की वार्ता के लिए भीतर बुला लिया। लेकिन अब तीसरे दौर की वार्ता भी विफल हो गई है।