BJP सरकार ने प्रदेश को कर्ज में डुबोया
गोहाना। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रदेश को कर्ज में डूबा दिया है। आज प्रदेश का हर बच्चा अपने सिर पर 80 हज़ार का कर्ज़ लेकर पैदा होता है।
बरोदा उपचुनाव में अपने प्रचार अभियान के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज गांव बिचपड़ी, अहमदपुर माजरा, जागसी, मातंड, बुसाना, छतेरा, सिवानका और महमूदपुर में कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल के लिए वोट मांगे। उन्होंने कहा कि 1966 में हरियाणा बनने से लेकर 2014 में हमारी सरकार जाने तक तमाम राज्य सरकारों ने करीब 60 हज़ार करोड़ का कर्ज़ लिया था। इस दौरान हरियाणा ने तरक्की के कई पायदान भी चढ़ा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में हमारी सरकार बनने के बाद प्रदेश में दर्जनों विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, एम्स, पावर प्लांट, न्यूक्लीयर प्लांट, आईआईएम, सैकड़ों तकनीकी संस्थान, कॉलेज, स्कूल, अस्पताल, उद्योग, नई रेलवे लाइन, मेट्रो लाइन, रैपिड मेट्रो, हाइवे, नेशनल हाइवे जैसी अनेक परियोजाएं स्थापित हुईं। बावजूद इसके हमने कर्ज़ तय सीमा से आगे नहीं बढ़ने दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आज भाजपा राज में हरियाणा पर दो लाख करोड़ से अधिक कर्ज हो चुका है। बावजूद इसके मौजूदा सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन या भत्ते देने के लाले पड़े हुए हैं। आलम ये है कि कर्ज़ का ब्याज चुकाने के लिए भी सरकार को कर्ज़ लेना पड़ रहा है। भाजपा सरकार के महज़ छह साल में प्रदेश पर कर्ज़ का बोझ तीन गुणा से ज्यादा बढ़ गया, लेकिन इस दौरान सूबे में कोई भी बड़ी परियोजना नहीं आई। सवाल उठता है कि कर्ज़ की इतनी बड़ी रकम ख़र्च कहां हुई?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 2014 में जब हमने सरकार छोड़ी थी तब हरियाणा प्रति व्यक्ति आय और निवेश में देशभर में पहले नंबर पर था लेकिन आज अपराध, भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और नशे में पहले नंबर हो गया है। हमारी सरकार में हरियाणा दूसरे राज्यों के युवाओं को भी रोज़गार देता था, लेकिन भाजपा-जजपा सरकार के दौरान प्रदेश में बेरोज़गारों की लंबी फौज खड़ी हो गई है। क्योंकि सरकार रोज़गार देने की बजाए छीनने में लगी है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बरोदा उपचुनाव प्रदेश को कर्ज़, बेरोज़गारी, अपराध और बदहाली की दलदल में डुबोने वाली सरकार से बदला लेने का मौक़ा है। अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों के धक्के खा रहे किसान, रोज़गार खो चुके मजदूर, कारोबार में घाटा खा रहे दुकानदार और व्यापारी इस चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड मतों से मात देंगे। ये उपचुनाव सिर्फ एक विधायक बनाने का नहीं बल्कि प्रदेश में परिवर्तन का चुनाव है।