योगी सरकार ने खोला सीमाओं के रखवालों के लिए राहत का पिटारा
लखनऊ। देश की सीमाओं के रखवालों के लिए योगी सरकार ने राहतों का पिटारा खोलते हुए सैनिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए कई नई योजनाएं शुरू करने वाली पहली सरकार बन गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जवानों के कल्याण के लिए लगातार प्रयास कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भूतपूर्व सैनिको को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। उन्हें समूह 'ख 'के पदों पर पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए उप्र लोक सेवा अधिनियम-1993 की धारा में बदलाव किया जाएगा और इसके लिए सरकार ने अनुमति दे दी है।
उन्होंने बताया कि तय योजना के मुताबिक भूतपूर्व सैनिकों को समूह-'ख' के पदों पर 05 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किए जाने के लिए उ.प्र. लोक सेवा अधिनियम-1993 की धारा (1) खण्ड (एक-क) में संशोधन की कार्यवाही के लिए अनुमति प्रदान की है। वर्ष 1999 से सरकारी नौकरियों में समूह 'ग'व समूह 'घ'के पदों पर पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था है लेकिन समूह 'ख) के पदों के लिए यह सुविधा नहीं थी। अब समूह ख के पदों पर इसे लागू करने के लिए कार्मिक विभाग अधिनियम में बदलाव के लिए मसौदा तैयार करेगा। इससे पहले योगी सरकार ने तीनों सशस्त्र सेनाओं और अद्धसैनिक बलों में कार्यरत रहते हुए शहीद होने वाले सैनिकों के आश्रितों को शासकीय सेवा में लिए जाने का बड़ा फैसला लिया था।
योगी सरकार ने पूर्व सैनिकों के लिए जून 2018 में स्टांप शुल्क में बड़ी छूट का ऐलान किया था और इसके तहत पूर्व सैनिकों और शहीदों के आश्रितों को 20 लाख रुपये मूल्य तक की संपत्तियों के हस्तांतरण व पट्टों पर स्टांप शुल्क से छूट दी गई है। इस वर्ष जुलाई में योगी सरकार ने देश की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले जवानों के आश्रितों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया था। इस फैसले के तहत मूल रूप से उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले सैनिकों और अर्द्धसैनिक बल के जवानों के परिजनों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
राज्य सरकार ने इसी वर्षी फरवरी में सैनिकों के कल्याण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 1986 के पूर्व के विजेताओं को एकमुश्त धनराशि भुगतान किए जाने का फैसला लिया था। इसके साथ ही योगी सरकार ने पुलिस और सशस्त्र सेनाओं के जवानों के परिजनों के अनुग्रह अनुदान और लड़की की शादी के लिए दी जाने वाली सहायता की दरों में बढ़ोत्तरी की है।