वंदे भारत ट्रेन स्वागत इवेंट- भाजपाइयों को क्या दिखाई देगी यह समस्या!

वंदे भारत ट्रेन स्वागत इवेंट- भाजपाइयों को क्या दिखाई देगी यह समस्या!

खतौली। आनंद विहार से चलकर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंचने वाली पहली वंदे भारत ट्रेन के स्वागत की रस्म को पहुंचने वाले भाजपा नेताओं को क्या स्टेशन पर होने वाली सबसे बड़ी समस्या दिखाई देगी, यदि भाजपा नेताओं द्वारा बड़े बुजुर्गों को होने वाली समस्या को रेल अफसरों के सम्मुख उठा दिया जाता है तो निश्चित रूप से बड़े बुजुर्गों के साथ अन्य को भी बड़ी राहत मिलेगी। दरअसल बृहस्पतिवार को आनंद विहार से उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के लिए वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू हो रहा है। वंदे भारत ट्रेन के शुभारंभ को एक बड़ा इवेंट बनाते हुए भाजपा नेताओं द्वारा आनंद विहार से लेकर देहरादून तक तकरीबन सभी छोटे बड़े स्टेशनों पर वंदे भारत ट्रेन के स्वागत का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। खतौली में भी इस इवेंट के लिए भारी भरकम प्लेटफार्म तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। भाजपा के बड़े नेताओं की ओर से कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वह वंदे भारत ट्रेन के स्वागत की रस्म के दौरान खतौली स्थित रेलवे स्टेशन पर पहुंचे।


सरकारी इवेंट में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने को आतुर भाजपा नेताओं को क्या आज बड़े बुजुर्गों के सम्मुख आने वाली वह बड़ी समस्या दिखाई देगी जिसके समाधान की ओर भाजपा नेताओं ने अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है। रेलवे विभाग की ओर से मालगाड़ी के संचालन के लिए अलग से फ्रेट कॉरिडोर बनाकर तीसरी लाइन निकाली गई है। बस यही तीसरी लाइन अब खतौली के रेलवे स्टेशन से आने जाने वाले बड़े बुजुर्गों बच्चों एवं महिलाओं के लिए सबसे बड़ी सब परेशानी का सबब बन रही है। दुर्भाग्य की बात यह है कि छोटी-छोटी बातों को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाले भाजपा नेताओं को बड़े बुजुर्गों एवं महिलाओं व बच्चों के सामने आने वाली यह समस्या दिखाई नहीं दी है। पहले जब तक फ्रेट कॉरिडोर की लाइन नहीं डाली गई थी उस समय तक दिल्ली से आने वाली गाड़ी से उतरने वाले यात्रियों को ट्रेन से उतरकर प्लेटफार्म से बाहर आने में कोई परेशानी नहीं होती थी। लेकिन जब से फ्रेट कॉरिडोर की तीसरी लाइन प्लेटफार्म की बराबर में डाली गई है उस समय से बड़े बुजुर्गों के साथ महिलाओं एवं बच्चों का भी इम्तिहान शुरू हो गया है। नगर की तरफ से प्लेटफार्म पर जाने वाले लोगों को पहले पत्थरों एवं रेलवे लाइन को क्रॉस कर ऊंचाई पर बने प्लेटफार्म पर चढ़ना पड़ता है। इसी तरह प्लेटफार्म से उतर कर नगर में जाते समय ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ता है।

एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक आने जाने के लिए सबवे की व्यवस्था नहीं होने की वजह से बड़े बुजुर्गों एवं महिलाओं व बच्चों को ओवर ब्रिज की सीढ़ियां चढ़कर ही एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाना पड़ता है, जिससे बड़े बुजुर्गों का सांस फूल जाता है और स्टेशन पर पहुंचकर रेल से यात्रा करना उनके जीवन के लिए एक तरह से संकट बन जाता है। अब देखने वाली बात यह रह गई है कि वंदे भारत ट्रेन के स्वागत इवेंट को भारी तामझाम के साथ सफल बनाने में लगे भाजपा नेता बड़े बुजुर्गों की इस समस्या को रेल अफसरों के सामने उठाकर इसका समाधान करा पाते हैं अथवा नहीं? वैसे स्थानीय भाजपा नेताओं के पास ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है जिससे आम जनमानस को कोई लाभ पहुंचा हो।

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