गन्ना एवं चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश का भारत में प्रथम स्थान : सुरेश राणा
लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं के परिणामस्वरूप ही गन्ना और चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश ने पुनः दूसरी बार देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है यह जानकारी उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बताई ।
उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने यह जानकारी उपलब्ध कराते हुए अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में गन्ना विकास विभाग की स्थापना वर्ष 1935 में हुयी थी। तब से अब तक प्रदेश के गन्ना किसानों को विभिन्न राजकीय योजनाओं की सुविधा देते हुए सफल संचालन किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को उन्नतशील प्रजातियों के स्वस्थ बीज तथा नवीन गन्ने की विभिन्न प्रजातियों का विकास कर उन्हें खेती करने के लिए स्वीकृत किया जाता है। प्रदेश सरकार गन्ना किसानों को गन्ने की फसल की सुरक्षा एवं कृषि निवेशों को भी उपलब्ध कराती है। सरकार किसानों का प्रशिक्षण, कम लागत में अधिक उपज के उपायों को बताते हुये गन्ना किसानों की आय में वृद्धि कर रही है। प्रदेश सरकार चीनी मिलों के लिए कितने गन्ने की आवश्यकता होगी उसका निर्धारण एवं आवंटन भी करती है। चीनी मिलों को गन्ना किसानों द्वारा की गयी आपूर्ति का समय से भुगतान कराने के लिए सरकार विशेष ध्यान दे रही है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों के क्रम में पेराई सत्र 2018-19 में 18 अगस्त 2019 तक प्रदेश के 38 लाख गन्ना किसानों को 25,506 करोड़ रूपये का भुगतान कराया गया है, जो एक रिकार्ड है। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा दो वर्षों में गन्ना किसानों को कुुल 71,565 करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया है जबकि इसके पूर्व के 03 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य का भुगतान 53389.24 करोड़ रूपये का ही भुगतान हुआ था। गन्ना किसानों को प्रदेश सरकार आधार पौध शाला बीज प्राथमिक पौधशाला बीज वितरण में लाभार्थी किसानों को अनुदान भी देती है। गन्ना किसानों की भूमि का भी उपचार कराया जाता है। गन्ना से अधिकाधिक चीनी परता एवं गन्ना उपज प्राप्त करने के लिए पेड़ी प्रबन्धन कार्यक्रम संचालित करते हुये लाभार्थी किसानों को नियमानुसार अनुदान भी दिया जाता है।
प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने के साथ दलहन/तिलहन फसलों की सिंगल बड चिप तकनीकी के साथ अन्तःफसली कार्यक्रम हेतु 9000 रूपये प्रति हेक्टयर की दर से अनुदान की भी व्यवस्था की है। प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को दी गयी सुविधाओं के परिणामस्वरूप गत दो वर्षों में औसत गन्ना उत्पादकता 72.38 से बढकर 80.5 मी0टन प्रति हेक्टेयर हो गयी है जिससे प्रति हेक्टेयर 8.12 मी0टन अतिरिक्त गन्ने का उत्पादन हुआ। उत्पादकता में वृद्धि से किसानों की आय में औसत 320 रूपये प्रति कुन्तल की दर से 25,984 रूपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुयी है। विगत दो वर्षों में 8.4 लाख हे0क्षेत्र गन्ने के साथ अंतः फसल ली गयी जिससे कृषकों को 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आमदनी हुयी है। इसी प्रकार प्रदेश सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप विगत दो वर्षों में चीनी परता में 0.87 की वृद्धि हुयी हैै तथा औसत चीनी परता में वृद्धि से 9.14 लाख टन अतिरिक्त चीनी का उत्पादन किया गया है। प्रदेश के औसत चीनी परता वर्ष 2016-17 में 10.61 से बढ़कर दो वर्षों में 11.48 प्रतिशत हुआ है। गत दो वर्षों में प्रदेश की मिलों ने रिकार्ड 2140.20 लाख टन गन्ने की पेराई की, जबकि इससे पूर्व के तीन वर्षों की गन्ना पेराई 2217.36 लाख टन की गयी है जो लगभग बराबर है। वर्ष 2017-18 में 3,248 हेक्टयर एवं वर्ष 2018-19 में 6,892 हेक्टेयर में कुल 10,140 हेक्टेयर में ड्रिप विधि से किसानों को सिंचाई की सुविधा दी गयी है।
प्रदेश सरकार द्वारा दो वर्षों में 6934 कृषकों को कृषि यन्त्र का वितरण किया गया है। उसी तरह 4240054 किसानों के खेतों की मृदा परीक्षण कराते हुये मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया है। अधिक गन्ना उत्पादन के लिए 4.59 लाख हेक्टेयर पेड़ी गन्ना में ट्रैश मल्चिंग किया गया है। प्रदेश में 3.6 लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल में बीज भूमि उपचार किया गया तथा 3.64 लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल में उत्तम पेड़ी प्रबन्धन का कार्य किया गया है। प्रदेश में 9.7 लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्र में ट्रेन्च विधि से गन्ना बुवाई कराते हुये गन्ना उत्पादन में बढ़ोत्तरी की गयी है।
प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के हित में कार्य करते हुये किसानों को बीज, खाद, उर्वरक, सिंचाई, कृषि यन्त्र आदि सुविधायें उपलब्ध कराते हुये उनकी आय में वृद्धि कर रही है। किसानों को यातायात की सुविधा प्रदान कर चीनी मिलों को ताजा गन्ना उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अन्र्तग्रामीण सड़कों का निर्माण कर सम्पर्क मार्ग के माध्यम से मुख्य मार्गों एवं गन्ना क्रय केन्द्रों से जोड़ा गया है। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो रहे किसानों ने प्रदेश में गन्ना उत्पादन में वृद्धि करते हुये देश मेें रिकार्ड बनाया है।
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