खाद फैक्ट्री पर जीएसटी के छापे में मिली हेराफेरी- ऐसे छूटा पीछा

खाद फैक्ट्री पर जीएसटी के छापे में मिली हेराफेरी- ऐसे छूटा पीछा

मुजफ्फरनगर। दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-58 पर स्थित बेगराजपुर इंडस्ट्रियल एरिया में फ़र्टिलाइज़र बनाने वाली फैक्ट्री पर जीएसटी का छापा पड़ते ही शहर के कारोबारियों में हड़कंप मच गया। छापे की जद में आने से बचने को कई फैक्ट्रियों के मालिक इधर उधर हो गए। जीएसटी के अफसरों ने खाद कारखाने के परिसर को अपने कब्जे में लेकर दस्तावेज अपने हैंड ओवर कर लिए। खोजबीन के दौरान स्टॉक में गड़बड़ी के अलावा दस्तावेजों में भारी हेराफेरी मिली। फैक्ट्री मालिक ने हाथों-हाथ जुर्माना देकर अपना पीछा छुड़ाया।


मंगलवार को जीएसटी के अफसरों की टीम अपने लाव लश्कर के साथ मंसूरपुर थाना क्षेत्र के बेगराजपुर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित चक्रधर केमिकल प्राइवेट लिमिटेड में छापामार कार्रवाई करने के लिए पहुंची।स्टेट जीएसटी के अफसरों ने खाद फैक्ट्री के परिसर को अपने घेरे में लेते हुए स्टाफ एवं बिक्री से संबंधित सारे दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए। जीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर ज्योति स्वरूप शुक्ल की अगुवाई में फैक्ट्री के दस्तावेजों की जांच में लगी टीम ने कागजातों की जमकर जांच पडताल की।

केमिकल और फर्टिलाइजर का निर्माण करके उसकी बिक्री करने वाली चक्रधर केमिकल प्राइवेट लिमिटेड के दस्तावेजों एवं लेखा पुस्तिकाओं के रखरखाव में भारी अनियमितता पाई गई। फैक्ट्री में बनने वाले खाद के स्टॉक और बिक्री में अंतर पाए जाने का जीएसटी के अफसरों को पता चलने से फैक्ट्री मालिक के पसीने छूट गए। जीएसटी के अफसरों द्वारा की गई जांच पड़ताल के बाद जब फैक्ट्री मालिक को 90 लाख रुपए का कर जमा कराने को कहा गया तो फैक्ट्री मालिक ने जुर्माने और कर की अदायगी कर अपना पीछा छुड़ाना उचित समझा। जिसके चलते बंदोबस्त करते हुए 90 लाख रुपए हाथों-हाथ जमा करा दिए गए।

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