योगी सरकार के बाढ़ नियंत्रण कार्यों की राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है सराहना: डा0 महेन्द्र सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा है कि प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में बाढ़ पूर्व की गई तैयारियों के फलस्वरूप प्रदेश में कोई भी टतबन्ध क्षतिग्रस्त नहीं हुआ, जिसके कारण अत्यधिक वर्षा होने के बावजूद भी प्रदेश में बाढ़ से तबाही नहीं हुई। उन्होंने तटबन्धों पर लगातार निगरानी किए जाने के निर्देश दिए।
जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह कल देर रात अपने सरकारी आवास 5ए-मालएवेन्यू से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ से प्रभावित 14 जनपदों के अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के बाढ़ प्रभावित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए किए गए उपायों की सराहना की थी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संकटकाल में भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने अपने जान की परवाह किए बगैर बाढ़ के खतरे को समाप्त करने में पूरी जिम्मेदारी का परिचय दिया।
जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अधिकारियों को सख्त हिदायत दिया कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अब भी लगातार चौकसी बरतते रहें, ताकि बाढ़ के संकट को टाला जा सके। उन्होेंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री द्वारा बचाव कार्यों का मौके पर अवलोकन तथा लगातार समीक्षा के कारण उत्तर प्रदेश में नुकसान नहीं हुआ जबकि अन्य राज्यों में बाढ़ से व्यापक तबाही हुई। उन्होंने कहा कि अस्वस्थ होने से पूर्व उन्होंने सभी संवेदनशील जनपदों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उनके विभाग की बाढ़ से निपटने की तैयारी की स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी तारीफ की।
जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि सिंचाई विभाग में पारदर्शी कार्य संस्कृति को और सुदृढ़ करने के लिए यह आवश्यक है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों, नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रियाओं और अनुभवों को संकलित कर एक विशेष जन-जागरण अभियान चलाया जाए, जिससे आम जनता को योगी सरकार द्वारा किए गए बाढ़ व बचाव कार्यों की ठोस जानकारी मिल सके और आम जनता के सुझावों को अगली बाढ़ संबंधी परियोजनाओं के निर्माण में उपयोग किया जा सके। उन्होंने इस कार्य के लिए विशेष सचिव सिंचाई प्रियंका निरंजन के नेतृत्व में यह कार्य एक सप्ताह में पूरा किए जाने के निर्देश दिए।
जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने निर्देश दिए कि माह सितम्बर एवं अक्टूबर में मानसून की वापसी की संभावना बतायी जा रही है। इस अवधि में तटबन्धों पर विशेष निगरानी बरती जाए। उन्होंने तटबन्धों पर पूर्व की तरह ही आधिकारियों एवं कर्मियों को 24 घण्टें कैम्प करने एवं संवेदनशील स्थलों पर आवश्यक उपकरण एवं मैनपावर बनाये रखने के निर्देश दिए। जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि कटाव की कोई सूचना प्राप्त होने पर मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर कराया जाय। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। क्षेत्र के अधिकारी एक-दूसरे के संपर्क में रहें तथा स्थानीय जिला प्रशासन का सहायोग प्राप्त करके बाढ़ सुरक्षा कार्यों को अंजाम दें। जो जनपद बाढ़ से प्रभावित हुए हैं उनमें पीलीभीत, खीरी, सीतापुर, बहराइच, बाराबंकी, गोण्डा, बस्ती, मऊ, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर तथा बलरामपुर शामिल हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम राज्यमंत्री राजस्व एवं बाढ़ नियंत्रण विजय कश्यप ने बताया कि कई जनप्रतिनिधियों ने सिंचाई विभाग की बाढ़ पूर्व तैयारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मा0 सिंचाई मंत्री के मार्गदर्शन एवं सक्रियता के चलते बाढ़ संबंधी निर्माण व मरम्मत कार्यों को तेजी से पूरा किया गया, जिसके फलस्वरूप बाढ़ से क्षति नहीं हुई और सारे तटबन्ध लगभग सुरक्षित रहे। सचिव सिंचाई अनिल गर्ग ने इस मौके पर जलशक्ति मंत्री को आस्वस्त किया कि उनके निर्देशों के अनुरूप बाढ़ नियंत्रण संबंधी समस्त कार्य निर्धारित समय में पूरा कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस समय बाढ़ का प्रकोप कम हो रहा है तथा स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
इस मौके पर प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन आर.के. सिंह ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिए गए निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर प्रमुख अभियन्ता परिकल्प व नियोजन ए. के. सिंह तथा मुख्य अभियन्ता आई.एस.ओ. नवीन कपूर उपस्थित थे।