UP- छात्रों के लिए बड़ी खबर- प्रतियोगी परीक्षाओं की होगी मुफ्त कोचिंग
लखनऊ। ग्रामीण और निर्बल आय वर्ग के परिवारों के मेधावी बच्चों के आईएएस,पीसीएस अधिकारी बनने के सपने को पूरा करने के लिये योगी सरकार विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना के पर्व बसंत पंचमी से मुफ्त कोचिंग योजना की शुरूआत करेगी।
'मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना' के प्रस्तुतीकरण के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं, जिनमें सिविल सेवा, पीसीएस,जेईई,नीट,एनडीए,सीडीएस,पीओ,एसएससी,बीएड,टीईटी तथा अन्य ऐसी परीक्षाएं शामिल हैं, के लिए ग्रामीण क्षेत्र तथा निर्बल आय के परिवारों के बच्चों को इनकी गुणवत्तापरक तैयारी सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से यह योजना बसन्त पंचमी 16 फरवरी से लागू की जाएगी। इसके तहत प्रतिभाशाली तथा उत्साही विद्यार्थियों को निःशुल्क साक्षात प्रशिक्षण,ऑनलाइन प्रशिक्षण और सलाह प्रदान की जाएगी।
उन्होने कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तथा निर्बल आय के परिवारों के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए गुणवत्तापरक प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से सभी मण्डलों में मौजूद विद्यालयों,विश्वविद्यालयों के इन्फ्रास्ट्रक्चर का भरपूर उपयोग कक्षाएं चलाने के उद्देश्य से किया जाये। जिन मण्डलों में प्रशिक्षण का कार्य अच्छे ढंग से किया जा रहा हो, उनका मॉडल अन्य मण्डलों के साथ शेयर किया जाए। उन्होंने इन प्रशिक्षण केन्द्रों को चलाने के लिए उत्तर प्रदेश अकादमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन एण्ड मैनेजमेण्ट (उपाम) के सिस्टम को अपनाने के निर्देश दिए।
प्रशिक्षण केन्द्रों में अच्छे विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाए, ताकि छात्रों को गुणवत्तापरक सामग्री उपलब्ध हो सके। उन्होंने निर्देशित किया कि इस योजना को पूरे उत्साह से लागू किया जाए, ताकि उत्तर प्रदेश के छात्रों की प्रतिभा निकल कर सामने आए और वे समाज के विकास में अपना योगदान दे सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना' को सेल्फ सस्टेनेबल बनाया जाए। इसे प्रभावी ढंग से लागू करने से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को काफी मदद मिलेगी और उनका उत्साहवर्धन होगा। राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए सभी प्रयास करेगी। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार युवाओं के मार्गदर्शन के लिये राजकीय क्षेत्र में परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना कर रही है, ताकि प्रदेश के प्रतिभावान युवा पूर्ण विश्वास व तैयारी के साथ और संसाधनों की परवाह न करते हुए इन प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन प्रशिक्षण केन्द्रों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में छात्रों को जोड़ने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया जाए। मौजूदा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के 'मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना' से जुड़ने से इस योजना की विश्वसनीयता और गम्भीरता बढ़ेगी। शासन इन अधिकारियों को इस योजना से जुड़ने की अनुमति दे रहा है। इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, ताकि युवाओं को एहसास हो कि उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
इस योजना के तहत मण्डलों में स्थापित किए जा रहे प्रशिक्षण केन्द्रों में गुणवत्तापरक प्रशिक्षण पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों का बहुत लाभ होगा। उन्होंने प्रशिक्षण के लिए कैलेण्डर तैयार करने के भी निर्देश दिए। प्रशिक्षण केन्द्रों में सभी विषयों की पढ़ाई सुनिश्चित की जाए। अधिक संख्या में विद्यार्थियों द्वारा आवेदन करने की दशा में उनका चयन परीक्षा के माध्यम से किया जाए। प्रशिक्षण केन्द्रों में विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास भी सुनिश्चित किया जाए।
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने इस योजना के क्रियान्वयन, राज्य स्तर पर ई-लर्निंग प्लैटफॉर्म की स्थापना, विषय अनुवीक्षण,सामग्री समिति के गठन, कार्यकारी समिति के गठन, मण्डल स्तर पर राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा वर्चुअल एवं साक्षात कक्षाओं के आयोजन, मेधावी छात्रों के चयन, विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण, अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन,शिक्षण, उत्तर प्रदेश प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी के दायित्व, प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मार्गदर्शन,शिक्षण द्वारा अभ्युदय प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रशिक्षण सत्रों के सफल संचालन के लिये कार्ययोजना तथा वित्त व्यवस्था इत्यादि के सम्बन्ध में विस्तार से प्रकाश डाला।
वार्ता