खुदरा दुकानों से रियायती दरों पर की जायेगी टमाटर की आपूर्ति- सरकार...
नयी दिल्ली। बाजारों में टमाटर की कीमतों में उछाल के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि शुक्रवार से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में खुदरा दुकानों के माध्यम से टमाटर की रियायती कीमतों पर आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि उपभोक्ता विभाग ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी महासंघ (एनसीसीएफ) को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से तत्काल टमाटर खरीदने के निर्देश दिए हैं। इनकी अपूर्ति उन बाजारों में की जाएगी, जहां इसकी खुदरा कीमतों में पिछले एक माह में अधिकतम वृद्धि दर्ज की गयी है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “ टमाटर का स्टॉक इस सप्ताह शुक्रवार तक दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। ”
मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे शहरों / कस्बों की पहचान कर ली गयी है जहां एक माह के दौरान टमाटर के भाव इसके राष्ट्रीय औसत मूल्य की तुलना में सबसे अधिक बढ़े हैं। ऐसे केंद्रों (जगहों) पर आपूर्ति बढ़ा कर टमाटर के भाव को नीचे लाने के कदम उठाने की तैयारी है।
सरकार का कहना है कि मौसम का प्रभाव, अस्थायी आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और प्रतिकूल मौसम के कारण फसल की क्षति, आदि अक्सर टमाटर की कीमतों में अचानक वृद्धि का कारण बनती है। जुलाई के साथ-साथ मानसून के कारण वितरण संबंधी चुनौतियां और बढ़ जाती हैं और माल ढुलाई में हानि से कीमतों में बढ़ोतरी होती है।
देश में टमाटर का उत्पादन लगभग सभी राज्यों में होता है लेकिन दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों का कुल उत्पादन में 56-58 प्रतिशत योगदान है। विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन सीज़न भी अलग-अलग होते हैं। जुलाई-अगस्त और अक्तूबर-नवंबर का मौसम आमतौर पर टमाटर के लिए कम उत्पादन का मौसम होता है।दक्षिणी और पश्चिमी राज्य, उत्पादन मौसम के आधार पर अन्य बाजारों को इसकी आपूर्ति करते हैं।
बुवाई और कटाई के मौसम का चक्र और विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन की मौसमी-भिन्नता टमाटर की कीमतों में मौसमी उतार-चढ़ाव के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान में गुजरात, मध्य-प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के बाजारों में टमाटर की आवक, ज्यादातर महाराष्ट्र, विशेषकर सतारा, नारायणगांव और नासिक से होती है, जो इस महीने के अंत तक रहने की उम्मीद है। आंध्र प्रदेश की मदनपल्ले (चित्तूर) से भी उचित मात्रा में आवक जारी है। दिल्ली एनसीआर में टमाटर की आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है और कुछ मात्रा कर्नाटक के कोलार से आती है।https://youtu.be/7BlH2hXvfBs
सरकार ने कहा है कि नासिक ज़िले से जल्द ही नई फसल की आवक होने की उम्मीद है। इसके अलावा अगस्त में नारायणगांव और औरंगाबाद बेल्ट से अतिरिक्त आपूर्ति आने की उम्मीद है। मध्यप्रदेश से भी आवक शुरू होने की उम्मीद है। परिणामस्वरूप निकट भविष्य में टमाटर की कीमतें कम होने की उम्मीद है।