न्याय जितना सरल होगा,उतना ही अच्छा होगा: योगी

न्याय जितना सरल होगा,उतना ही अच्छा होगा: योगी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि न्याय जितना सरल होगा, उतना ही अच्छा होगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि न्यायपालिका की भूमिका की बात करें तो वादकारी का हित हमारे लिए सर्वोपरि है क्योंकि न्याय पाने वाले व्यक्ति समाज के अंतिम पायदान का व्यक्ति है।

केपी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित प्रदेश अधिवक्ता समागम-2020 में प्रदेशभर से आए अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जो लोग धन के अभाव में न्याय पाने से वंचित रह जाते हैं, ऐसे लोगों के लिए विद्वान अधिवक्ता कार्ययोजना बनाएं और सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें तो हमें खुशी होगी और हम इसे ठोस ढंग से लागू कर सकेंगे ,जिससे प्रत्येक व्यक्ति को न्याय मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रूल आफ ला हम सबकी प्राथमिकता है। जब व्यक्ति भौतिक रूप से अपनो से पीड़ित होता है तब वह अधिवक्ता के शरण में जाता है। अधिवक्ताओं की वेषभूषा विश्वास का प्रतीक है। विश्वयनीयता जबतक बनी रहेगी , न्यायपालिका पर आम जन का विश्वास बना रहेगा। वादकारी के हित की रक्षा को सर्वोपरि मानते हुए कई काम किए जाने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ताओं की समस्याएं दूर कराने के लिए सरकार उनके साथ चर्चा के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी और सीएसआर कोष से आवासीय भवनों के लिए 150 करोड़ रुपये और गैर आवासीय भवनों के लिए 400 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। प्रदेश में अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा निधि के तहत तीन वर्षों में 1474 अधिवक्ताओं को कल्याण निधि से भुगतान किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ता समाज का बहुत बडा योगदान है। समाज के निर्माण में, भारत की स्वाधीनता में और समाज को जागरूक कर एक बेहतर नेतृत्व देने लगे। प्रबुद्ध समाज होने के नाते समाज की हर ज्वलंत सस्याओं में मुखरता के साथ चाहे वह समाज अथवा राष्ट्र कल्याणकारी है उसके समर्थन में खडा रहता है।

उन्होंने कहा कि भारत की संसदीय लाेकतंत्र की प्रणाली, हरेक इसकी व्यवस्था के अंग है, उसके लिए एक लक्ष्मण रेखा है। जब तक एक दूसरे का सम्मान करते हुए हम अपनी लक्ष्मण रेखा का पालन कर रहे हैं। जब भी कोई संस्था अपनी इन सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए जबरा करने का प्रयास करेगी तब सवाभाविक रूप से न/न केवल संसदीय लोकतंत्र आहत होगा बल्कि आम जन की भावनाएं भी आहत होती दिखायी देंगी।

मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि देश में सबसे बड़ी आबादी वाला प्रदेश होने के बावजूद उत्तर प्रदेश ने कोविड प्रबंधन में सबसे अच्छा परिणाम पूरे देश में दिया है। आज से दो माह पहले प्रदेश में कोरोना के 68000 सक्रिय मामले थे और आज 18000 से कम सक्रिय मामले उत्तर प्रदेश में हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की सबसे अधिक जांच करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है और मौत के मामले में यदि दिल्ली से तुलना करें तो 24 करोड़ की आबादी वाले रदेश में कोविड से कुल मौत 8000 है जबकि दिल्ली की आबादी पौने दो करोड़ है और वहां कोरोना से दस हजार लोगों की मृत्यु हुई हैं।

उन्होंने कहा कि अगले माह जब कोरोना की वैक्सीन आयेगी तो प्रत्येक व्यक्ति तक उसे पहुंचाने की व्यवस्थित तैयारी राज्य सरकार कर चुकी है। यह केवल एक आपदा के खिलाफ लड़ाई नहीं है,बल्कि इसने लोगों को बहुत कुछ सिखाया है।

इस समागम में अधिवक्ताओं के लिए आवासीय सुविधाओं की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने विकास प्राधिकरणों को कहा है कि जिन जगहों पर भू-माफियाओं का कब्जा है उन्हें खाली कराके वहां अधिवक्ताओ,पत्रकारों, शिक्षकों के लिए नो प्राफिट नो लॉस पर आवासीय सुविधाएं विकसित करें।

कार्यक्रम में प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कोविड प्रबंधन के साथ सुशासन का सबसे अच्छा उदाहरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कोई ले सकता है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में इस कोविड के दौरान हमें 53000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

श्री सिंह कहा कि हाल ही में सैमसंग कंपनी चीन स्थित अपनी तीन फैक्ट्रियां बंद कर नोएडा में उन्हें स्थापित करने जा रही है जिसमें कंपनी 5000 करोड़ रुपये निवेश करेगा। वहीं मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस-वे का जल्द ही शिलान्यास होने वाला है। इसके अलावाए मेरठ में हवाईअड्डा तैयार होने पर वहां से प्रयागराज के लिए उड़ान सेवा शुरू करने की तैयारी है।

कार्यक्रम के दौरान राज्य विधिज्ञ परिषद के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने मुख्यमंत्री को अधिवक्ताओं की विभिन्न मांगों का एक ज्ञापन दिया।

इस दौरान कार्यक्रम में प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक, नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता केशरी नाथ त्रिपाठी और बड़ी संख्या में अधिवक्ता शामिल हुए।

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