अगड़ों के हिस्से में रहा है पुरकाजी चेयरमैन का पद - पिछड़े वंचित

अगड़ों के हिस्से में रहा है पुरकाजी चेयरमैन का पद - पिछड़े वंचित

मुजफ्फरनगर। जनपद की पुरकाजी नगर पंचायत पर 1971 के बाद से अब तक हुए चुनाव में अगड़ी जाति के ही चेयरमैन चुनते आ रहे हैं जबकि पिछड़ी जाति की 60% से अधिक वोटरों के बावजूद अब तक पुरकाजी नगर पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण पिछड़े वर्ग के लिए नहीं हो पाया है। इस बार पुरकाजी की जनता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से पुरकाजी नगर पंचायत को पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित करने की दरख्वास्त भी की है।

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर जनपद की पुरकाजी नगर पंचायत में 1971 में जब चुनाव हुए तब सैयद मुर्तजा ने अलीगढ़ में पढ़ रहे अपने बेटे सईददुजमां को पुरकाजी नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ाया। इस चुनाव में सईददुजमां और अली हसन फरीदी के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ था, जिसमें अली हसन फरीदी सईददुजमां से 200 वोट के लगभग से हार गए थे। इसके बाद 17 साल तक पुरकाज़ी में नगर पंचायत के चुनाव नहीं हुए। 1988 में जब स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा हुई तो बाबू सलामत खान और मियां नसीम के बीच मुकाबला हुआ। इस चुनाव में बाबू सलामत खान ने 500 के लगभग वोटों से जीत हासिल कर नसीब मियां को हरा दिया था। इसके बाद 1995 में नसीम मियां की बीवी शाहिदा नसीम चुनाव जीती। वर्ष 2000 में इस सीट पर अगड़ी जाति के ही तारीक मुस्तफा और मियां नसीम के बीच मुकाबला हुआ तो तारीक मुस्तफा ने जीत हासिल की।

2006 में नसीम मियाँ जीते उन्होंने भारत भूषण खुल्लर को 12 सौ के लगभग वोट से हरा दिया था। 2012 के स्थानीय निकाय चुनाव में फिर से शाहिदा नसीम चुनाव मैदान में आई और जीत भी गई। पुरकाजी नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पर एक ही परिवार के कभी सईददुजमां तो कभी नसीम मिया तो कभी तारीक मुस्तफा तो कभी नसीम मियां की पत्नी शाहिदा बेगम ही चुनाव जीतती रही। 2017 के नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव में पुरकाजी सीट पर जहीर फारुकी और भारत भूषण के बीच मुकाबला हुआ। जिसमें जहीर फारुकी 1100 वोटों से जीत गए। पुरकाजी नगर पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य पुरुष एवं सामान्य महिला के लिए ही आरक्षित होता रहा है जबकि बताया जाता है कि पुरकाजी कस्बे की 22 हजार के लगभग वोटों में 14000 वोट अति पिछड़ों की है जबकि 2 से ढाई हजार वोट दलित एवं बाकी सामान्य बिरादरी की है। नगर पंचायत अध्यक्ष पद पिछड़े के लिए आरक्षित नहीं होने की वजह से पिछड़े वर्ग के बहुत सारे नेताओं को पुरकाजी में चेयरमैन बनने का मौका नहीं मिला है। इस बार मुख्यमंत्री के दरबार में कुछ लोगों ने पुरकाजी नगर पंचायत को पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित करने की गुहार लगाई है। अब देखना यह होगा कि हमेशा अगड़ों के लिए आरक्षित पुरकाजी नगर पंचायत इस बार पिछड़ों के लिए आरक्षित होती है या नहीं।

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