नववर्ष गन्ना समितियों के कार्मिकों के लिए लेकर आया खुशियों की बहार

नववर्ष गन्ना समितियों के कार्मिकों के लिए लेकर आया खुशियों की बहार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने के दिये गये निर्देशों एवं गन्ना मंत्री सुरेश राणा के मार्ग-दर्शन में प्रदेश की सहकारी गन्ना समितियों को आर्थिक रूप से मजबूत करने हेतु गन्ना आयुक्त एवं निबन्धक, सहकारी गन्ना एवं चीनी मिल समितियों द्वारा निरन्तर प्रभावशाली कदम उठाये जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज एक और अध्याय जुड़ गया है, क्योंकि परीक्षण में सक्षम पाई गयी प्रदेश की गन्ना समितियों में लागू छठे वेतनमान को उच्चीकृत कर सातवॉ वेतनमान अनुमन्य किये जाने का अनुमोदन, निबन्धक द्वारा प्रदान किया गया है।

इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के निबन्धक, सहकारी गन्ना समितियॉ, उ.प्र., संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि, प्रदेश की सहकारी गन्ना विकास समितियॉ में कार्यरत समिति वेतन भोगी कार्मिकों के आर्थिक हितों में अभिवृद्धि करने तथा उनका मनोबल बढ़ाने और उनकी कार्यकुशलता में वृद्धि लाने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन कर 34 सहकारी गन्ना समितियों में लागू छठे वेतनमान को उच्चीकृत करते हुए इन समितियों में सातवॉ वेतनमान लागू किया गया है। उन्होने ने यह भी बताया कि, 05 क्षेत्रीय गन्ना सेवा प्रधिकरण एवं 03 जिला गन्ना सेवा प्राधिकरणों को भी सातवें वेतनमान में उच्चीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त 02 सहकारी गन्ना समितियां, जो विगत 25 वर्षों से चतुर्थ वेतनमान पा रही थी, को पंचम वेतनमान में एवं 03 सहकारी गन्ना समितियां, जो विगत 15 वर्षों से पंचम वेतनमान पा रही थी, को भी छठे वेतनमान में उच्चीकृत करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।

निबन्धक ने बताया कि, इससे पूर्व 43 सहकारी गन्ना समितियों को सातवॉ वेतनमान प्रदान कर दिया गया था तथा 34 गन्ना समितियों को इस बार उच्चीकृत वेतनमान प्रदान करने से अब प्रदेश की 77 सहकारी गन्ना विकास समितियों में सातवॉ वेतनमान लागू हो जायेगा। सहकारी गन्ना समितियों के कार्मिकों को उच्चीकृत वेतनमान का लाभ प्रदान करने के लिए गन्ना समितियों की वित्तीय स्थिति के पारदर्शी तरीके से आंकलन हेतु समितियों के वर्ष एवं संचित लाभ, गन्ना विकास अंशदान से प्राप्त हो रही आय एवं उसके सापेक्ष व्यय, अन्य संस्थाओं की देनदारी, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की देनदारी, प्रबन्धकीय व्यय में गन्ना मूल्य का व्यावर्तन, अषोध्य एवं पुराने ऋण की वसूली जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं को सम्मिलित किया गया है।

निबन्धक द्वारा आने वाले नूतन वर्ष एवं त्योहार के अवसर पर समिति कार्मिकों के आर्थिक हितों में अभिवृद्धि करने के साथ-साथ समिति कार्मिकों से अपेक्षा भी की है कि, वह ''गन्ना विभाग किसान के द्वार'' की संकल्पना को साकार करने तथा विभाग की विश्वसनीयता अक्षुण्य रखने के उद्देश्य से पूर्ण मनोयोग से अपने दायित्वों का निर्वहन करें, साथ ही अपनी सहकारी समितियों को मजबूत करने हेतु सदैव प्रयासरत रहें।



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